पंचों के फरमान से परेशान दंपति ने खाया सल्फास, लड़की भगाकर ले गया था भतीजा
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पंचों के फरमान से परेशान दंपति ने खाया सल्फास, लड़की भगाकर ले गया था भतीजा

चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बंगेरड़ा मामादेव के पंच पटेलों की एक बार फिर फरमान जारी हुआ, लेकिन इस बार फरमान से परिवार इतना आहत हुआ कि दंपति ने सल्फॉस खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. 

पंचों के फरमान से परेशान दंपति ने खाया सल्फास, लड़की भगाकर ले गया था भतीजा

Nimbahera: चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बंगेरड़ा मामादेव के पंच पटेलों की एक बार फिर फरमान जारी हुआ, लेकिन इस बार फरमान से परिवार इतना आहत हुआ कि दंपति ने सल्फॉस खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. दोनों को पहले निम्बाहेड़ा भर्ती करवाया गया, जहां हालत खराब होने के कारण दोनों को चित्तौड़गढ़ रेफर किया गया.

ASI नवलराम ने बताया कि निम्बाहेड़ा के बंगेरड़ा मामादेव ग्राम पंचायत में रंजीत पुत्र जयराम रावल और उसकी पत्नी सुनैना रावल ने सल्फॉस खा लिया. जिसके बाद दोनों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने बताया कि 17 अप्रैल को रंजीत ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसकी जान को खतरा है, लेकिन 18 अप्रैल को दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया था.

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शादी के बाद फिर से भागी नाबालिग के साथ
रंजीत का नाबालिग भतीजा गांव के अन्य समाज की एक युवती के साथ 1 जनवरी को भाग गया था. ये युवती उम्र में लड़के से चार साल बड़ी है. दोनों को पुलिस ने कुछ ही दिनों में पकड़ लिया और वापस लड़की को उसके बाद उसके माता-पिता को सौंप दिया था. जिसके बाद लड़की की शादी मध्य प्रदेश के मनासा में कर दी गई. 1 मार्च को युवती फिर से नाबालिग के साथ मनासा के पास भाग गई और कुछ दिन बाद दोनों चित्तौड़गढ़ में रहने लगे. 17 अप्रैल को रंजीत ने लड़की के पिता और परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था कि वह लोग धमकी दे रहे हैं. उसकी जान को खतरा है.

पंच पटेलों ने 5 लाख रुपये देने का दिया था फरमान
18 अप्रैल को युवती के परिवार जनों ने युवती और नाबालिग को चित्तौड़ से वापस निंबाहेड़ा लाए और राजीनामा किया कि अब दोनों कहीं नहीं भागेंगे, लेकिन 20 तारीख को पंच पटेलों ने अपनी पंचायत लगाई और रंजीत को 5 लाख रुपये आर्थिक दंड भुगतने के लिए कहा. पांच लाख रुपये या ढाई बीघा जमीन में से एक चीज देने के लिए कहा गया था. ना देने पर घर जलाने की धमकी भी दी. पंच पटेलों का आदेश मौखिक रूप से है. रंजीत और सुनैना पर काफी दबाव डाला जा रहा था जिसके चलते दोनों ने आत्महत्या करने का फैसला किया. रंजीत का भतीजा बचपन से ही अपने बड़े पापा-बड़ी मम्मी के साथ रहता है. बचपन में ही उसके माता पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद लालन-पालन रंजीत और सुनैना कर रहे थे, इसलिए पंच पटेल ने उन्हें दंड भी दोनों को दिया.

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