चित्तौडग़ढ़ : आखा तीज पर वैसे तो जिले में चोरी-छिपे कितने टाबर परण गए, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन शनिवार को प्रशासन और पुलिस के सहयोग से चिल्ड्रन फाउण्डेशन की टीम ने जिले में सात बाल विवाह रूकवाए. इनके परिजनों को बाल विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया गया. जिले में संचालित एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन के निदेशक भोजराज सिंह ने बताया कि उनकी टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि सदर थाना क्षेत्र व शंभूपुरा थाना क्षेत्र में आज आखा तीज पर सात बच्चों के विवाह होने जा रहे है. जबकि यह बच्चे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 में तय की गई आयु का मापदंड पूरा नहीं करते.


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सूचना के बाद टीम ने थाने से बाल कल्याण अधिकारी को साथ में लिया और जिला प्रशासन को सूचना के बाद टीम मौके पर पहुंची. सदर थाना क्षेत्र के बोजुंदा क्षेत्र में जब टीम पहुंची तो वहां शादी के कार्यक्रम व रस्मों रिवाज चल रहे थे. टीम को देखकर वहां हड़कंप मच गया और लोग पुलिस को देखकर सकते में आ गए. इसके बाद टीम ने बच्चों की उम्र के संबंध में दस्तावेज मांगे तो दूल्हे की उम्र 19 वर्ष व दुल्हन की उम्र 17 वर्ष निकली, जिस पर उनके परिजनों को पाबंद किया गया और हिदायत दी गई कि वह यह शादी न करें क्योंकि अभी इन बच्चों की उम्र शादी के योग्य नहीं है.


इसके बाद टीम अगली सूचना अनुसार शंभूपुरा थाना क्षेत्र में पहुंची जहां पर सूचना के अनुसार विवाह के आयोजन स्थल का पता लगाया गया और टीम मौके पर पहुंची. टीम ने बच्चों के नाम अनुरूप जानकारी जुटा बच्चों के उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे और तो बालक की उम्र 16 वर्ष व बालिका की उम्र 15 वर्ष होना पाई गई. टीम ने दोनों के परिजनों को विवाह नहीं करने के लिए पाबंद किया.


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