Trending Photos

Churu News: एक तीन वर्षीय मासूम को उसके अपनों ने ही लावारिस हालत में ट्रेन में छोड़ दिया. छोटे से बैग के साथ इस नन्हे से बालक को मंगलवार तड़के 4:30 बजे आरपीएफ ने चूरू रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू किया है. मासूम की जेब में मिले कागज के टुकड़े पर उसके अपनों ने ही इसके भाग्य का फैसला लिख दिया कि- जिस सज्जन को यह बच्चा मिले, इसको अनाथालय में छोड़ दे, भगवान आपका भला करेगा. मासूम को अभी नंद गृह में रखा गया है.
चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना अधिकारी पन्ने सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह साढे चार बजे आरपीएफ ने सूचना दी कि दिल्ली-बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन में एक 3 साल का बालक लावारिस हालत में मिला है. जिस पर टीम सहित मौके पर पहुंचे और बालक का रेस्क्यू कर चाइल्ड हेल्पलाइन ऑफिस लाया गया.
हालांकि मासूम काउंसलिंग के लायक नहीं था, लेकिन उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसका नाम अंकित और पिता का नाम मनोज है. वह बिहार का रहने वाला है. उसके पिता चाय बनाने का काम करते हैं.बालक की जेब से एक कागज मिला मिला है, जिसमें उसे अनाथालय में छोड़ने के लिए लिखा गया है.
मासूम को यह नहीं पता कि उसे कब और कैसे ट्रेन में बैठा दिया गया है. उसके पास बैग भी मिला है, जिसमें उसके दो जोड़ी कपडे़, बिस्किट, चिप्स इत्यादि खाने की चीजे मिली हैं. उन्होनें बताया कि बालक अपने बारे में ज्यादा नहीं बता पा रहा है. उन्होंने बताया कि बालक का मेडिकल करवाकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया है. जहां से बाल कल्याण समिति के आदेश पर उसे नंद गृह में भेजा गया है. टीम में काउंसलर वर्षा कंवर, सुपरवाइजर नरपत सिंह, रवीन्द्र सिंह, सुभाष कुमार, कैस वर्कर अमन छापरवाल, निखिल सिंह व रूपेन्द्र सिंह शामिल रहे.