ग्रामीण विनोद पिलानिया ने बताया कि लंबे समय से पानी समस्या से जूझ रहे हैं जिसको लेकर धरना देते हैं, पानी की मांग करते है लेकिन हर बार प्रशासन के समझौते के बाद धरना स्थगित हो जाता है.
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तारानगर: तारानगर तहसील के ग्रामीणों को भीषण गर्मी में पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसी के तहत गांव बास सारायण के लोगों ने पानी की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने बताया की पानी की समस्या को लेकर 2017 से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन आज तक समाधान नहीं हुआ.
ग्रामीण विनोद पिलानिया ने बताया कि लंबे समय से पानी समस्या से जूझ रहे हैं जिसको लेकर धरना देते हैं, पानी की मांग करते है लेकिन हर बार प्रशासन के समझौते के बाद धरना स्थगित हो जाता है. करोड़ों के बजट से टंकी बनी और पाईप लाइन पड़ गई लेकिन समस्या आज भी बरकरार हैं.
गांव वालों ने तहसीलदार ,उपखंड अधिकारी व कलेक्टर को ज्ञापन द्वारा मांग कर बताया था कि 9 मई से पहले-पहले पानी का समाधान होना चाहिए लेकिन जब आज तक नहीं हुआ तो सोमवार को किसान, मजदूर,बेरोजगार और महिलाएं गांव के मुख्य चौपाल में उतर गए और साथ में सरपंच निर्मल भादू को ही चौपाल में बुलाया. जिसके बाद जल विभाग से टेलीफोन के माध्यम से एक्सईएन रामनिवास रैगर से बात हुई.
इसके बाद मुख्य 15 लोगों के साथ पुनरास फांटे पर बैठक करने को कहा. बैठक में एक्सईएन रामनिवास रैगर व जेईएन विश्राम सैनी और ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई. वार्ता में सहमति बनी हैं कि 24 मई तक पाईप लाइनों को चेक किया जाएगा और 24 मई से 30 मई तक सभी कनेक्शनों में पानी छोड़ दिया जाएगा.
वहीं, वार्ता के बाद ग्रामीणों का कहना हैं कि 2017 से हम आंदोलन कर रहे हैं लेकिन शासन व प्रशासन से हर बार आश्वासन ही मिलता आ रहा है. प्रशासन ने समाधान नहीं किया और नेता वादों पर खरे नहीं उतरे.
इसके साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ललानिया से पहले पीने के पानी को सिंचाई में जल विभाग द्वारा बेचा जा रहा है. जिसके कारण ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या हो रही है. समय रहते 30 मई तक सुचारू रूप से पानी नहीं मिला तो उग्र आंदोलन करेंगे वहीं वार्ता के बाद ग्रमीणों ने धरना स्थगित कर दिया हैं.
(रिपोर्ट: नरेश उपाध्याय)