जयपुर: महाराष्ट्र में चल रही उठा-पटक के बीच राजस्थान की राजनीति में भी लगातार हमलों का दौर चल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक बार फिर से केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा. बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित हुए संविधान दिवस के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने महाराष्ट्र की राजनीति पर निशाना साधा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि कोर्ट ने आदेश दिया है. जो भी दिया है, जैसा भी दिया है, वह तो सब को मानना ही है. कल फ्लोर टेस्ट करने को कहा है. उसका इंतजार कीजिए सब लोग बाकि जिस रूप लोकतंत्र की हत्या की गई है. रात के अंधेरे के अंदर उसको यह देश कभी भूलेगा. ऐसा आज तक इतिहास में कभी हुआ नहीं. कब कैबिनेट की मीटिंग हुई या नहीं हुई.
हॉर्स ट्रेडिंग का सपना हुआ फेल
आगे गहलोत ने कहा कि मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री ने अपना विशेषाधिकार काम में लिया और राष्ट्रपति महोदय को रिकमेंड कर दिया. राष्ट्रपति महोदय ने कब साइन किए, देश को पता नहीं. सुबह 5:47 पर राष्ट्रपति शासन समाप्त कर दिया गया और शपथ दिला दी गई. यह तमाशा जो हुआ, वह देश नहीं पूरी दुनिया देख रही है और मैं समझता हूं इससे दुनिया के मुल्कों के अंदर हमारे देश की प्रतिष्ठा गिरी है. इस प्रकार हिंदुस्तान में ऐसी बातें भी होती हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि अब न्याय मिलेगा और आप खुद देखेंगे. कल जो है इनको शिकस्त मिलेगी, सारे हथकंडे इनके फेल होंगे, हॉर्स ट्रेडिंग की इनकी जो कल्पना थी, जो सपना था, वह चकनाचूर हो जाएगा, यह मेरा मानना है.
राज्यपाल को दे देना चाहिए इस्तीफा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यपाल महोदय को तो रहने का अधिकार ही नहीं है. इस पद पर महाराष्ट्र के राज्यपाल महोदय को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. जिस रूप में उन्होंने बीजेपी के दबाव में, सरकार के दबाव में, प्रधानमंत्री और अमित शाह के दबाव में जो काम किया है, ऐसे व्यक्ति को राज्यपाल पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है, यह मैं मानता हूं.