मुकेश सोनी/कोटा: कोरोना वायरस (Coronavirus) संदिग्ध मरीजों को इलाज अब कोटा मेडिकल कॉलेज के सुपरस्पेशलिटी विंग व नए अस्पताल में होगा. इसको कोरोना सेंटर बनाने की तैयारी में मेडिकल कॉलेज प्रशासन जुटा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, दोनों जगहों पर कुल मिलाकर करीब 800 बेड रिजर्व होंगे. वर्तमान में एमबीएस अस्पताल में चल रहे कोरोना आइसोलेट वार्ड को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा.
दरअसल, एमबीएस अस्पताल शहर के बीच होने के कारण आसपास की बस्तियों व कॉलोनियों में संक्रमण का खतरा होने से यह कदम उठाया है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि 150 करोड़ की सुपरस्पेशलिटी अभी पूरी तरह से खाली पड़ी है. यहां 283 बेड रिर्जव रहेंगे. उन्होंने कहा कि अब नए अस्पताल को पूरा खाली करवाने की तैयारियां की जाएगी. यहां 500 से ज्यादा बेड रिजर्व होंगे. कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है.
बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर कोटा मेडिकल कॉलेज को चारों जिले (कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़) के कोरोना पॉजीटिव मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी सौंपी है. इससे अब इन चारों जिले के कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज कोटा में ही होगा.
नए अस्पताल के मरीज होंगे एमबीएस में शिफ्ट
वहीं, नए अस्पताल के सभी मरीज एमबीएस (MBS) अस्पताल व रामपुरा जिला अस्पताल में शिफ्ट किए जाएंगे. गायनिक व शिशु रोग विभाग के मरीजों को जेके लोन अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा. इसकी तैयारियों को लेकर शुक्रवार को प्राचार्य ने सभी अधीक्षकों, विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई.
रिजर्व बेड
इधर, राज्य सरकार के निर्देश के बाद कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन अबतक कुल 3490 बेड रिजर्व कर चुका है. जिनमें 31 निजी अस्पतालों से करीब 2107, आलनिया स्थित कॅरियर पाइंट यूनिवर्सिटी में 500, नए अस्पताल व एमबीएस में 300-300 व 283 बेड सुपरस्पेशलिटी विंग के शामिल है. साथ ही राजस्थान सरकार ने 7000 बेड रिजर्व रखने के निर्देश दिए थे.
वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजय सरदाना ने कहा कि कोरोना मरीजों का इलाज अब सुपरस्पेशलिटी विंग व नए अस्पताल में होगा. उसे आइसोलेट वार्ड बनाया जाएगा और वहां के मरीजों को एमबीएस अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा. इसकी तैयारियां शुरू कर दी है.