भीषण गर्मी के प्रकोप से इंसान के साथ साथ अब पशु- पक्षी में परेशान हो गए है. दौसा जिले के महुआ विधानसभा क्षेत्र के मंडावर उपखण्ड में बने निर्गुण महाराज मंदिर परिसर में लू के थपेड़ों और आग उगलती गर्मी के कारण पेड़ों में लटक रही सौ से अधिक चमगादड़ों के झुलसने से दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है. ग
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Mahuwa: भीषण गर्मी के प्रकोप से इंसान के साथ साथ अब पशु- पक्षी में परेशान हो गए है. दौसा जिले के महुआ विधानसभा क्षेत्र के मंडावर उपखण्ड में बने निर्गुण महाराज मंदिर परिसर में लू के थपेड़ों और आग उगलती गर्मी के कारण पेड़ों में लटक रही सौ से अधिक चमगादड़ों के झुलसने से दर्दनाक मौत का मामला सामने आया है. गर्मी का इन चमागड़ों पर इतना भयंकर कहर बरपा है कि एक भी चमगादड़ जिंदा नही बचा. सभी मृत चमगादड़ों के शवों को एकट्ठा कर दफनाया गया है.
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जानकारी के अनुसार पिछले डेढ़ महीने से भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से जनजीवन बूरी तरह से प्रभावित है. गर्मी और लू के प्रकोप से तापमान जहां 46 डिग्री पार कर चुका है, वहीं, अन्य जगहों पर भी पारा 44 से 45 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है. मण्डावर में भी पांच दिनों से लगातार गर्मी पिछले सौ सालों का रिकॉर्ड तोड़ रही है. पिछले तीन दिनों से भीषण गर्मी से श्री निर्गुण महाराज मंदिर परिसर में आधा दर्जन पेड़ों पर लटक रहें चमगादड़ पेड़ों पर लटके-लटके ही झुलस गए.
चमगादड़ों ने लू के थपेड़ों से बचने का प्रयास करते हुए, एक दूसरे के चिपके भी पर इस आग उगलने वाली तपन ने चमगादड़ों को पेड़ों में लटके-लटके ही झुलसा कर मार दिया. तेज तपन को सहन नहीं करने के कारण सौ से अधिक चमगादड़ों की दर्दनाक मौत हो गई. बता दें कि, पेड़ों के नीचे मृत चमगादड़ों के शवों का ढ़ेर लग गया. जिसे कुत्ते नोच रहे थे.इस हादसे को लेकर गो सेवक एवं पशु पक्षी प्रेमीयों ने अपने सहयोगियों के साथ बिखरे पड़े एवं पेड़ों में लटक रहे चमगादड़ों के शवों को उतारकर एक गहरा गड्ढ़ा खोदकर उसमें दफनाया गया.
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उल्लेखनीय है कि, निर्गुण महाराज मंदिर में दूर-दूर तक एक दर्जन से भी अधिक पेड़ों पर चमगादड़ उलटे लटके हुए नजर आते थे,लेकिन पिछले तीन दिन में इनकी लगातार हो रही मौतों के बाद अब एक भी चमगादड़ दिखाई नहीं दे रहा है.
Reporter: Laxmi Avtar Sharma