Rajasthan Politics: दौसा में हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर शक्ति का बाण चलाया गया.गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है.
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Rajasthan Politics: दौसा उपचुनाव में बीजेपी की दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा की हार हुई. जिसके बाद मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने चुनाव में हार को लेकर प्रतिक्रिया दी है.
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, '' 45 साल हो गए राजनीति के सफर के दौरान सभी वर्गों के लिए संघर्ष किया. जनहित में सैकड़ों आंदोलन किए. साहस से लड़ा. बदले में पुलिस के हाथों अनगिनत चोटें खाईं. आज भी बदरा घिरते हैं तो समूचा बदन कराह उठता है...
..संघर्ष की इसी मजबूत नींव और सशक्त धरातल के बूते दौसा का उपचुनाव लड़ा. जनता के आगे संघर्ष की दास्तां रखी. घर घर जाकर वोटों की भीख भी मांगी. फिर भी कुछ लोगों का दिल नहीं पसीजा. भितरघाती मेरे सीने में बाणों की वर्षा कर देते तो मैं दर्द को सीने में दबा सारी बातों को दफन कर देता लेकिन उन्होंने मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर शक्ति का बाण चला डाला.''
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, ''साढ़े चार दशक के संघर्ष से ना तो हताश हूं और ना ही निराश. पराजय ने मुझे सबक अवश्य सिखाया है लेकिन विचलित नहीं हूं. आगे भी संघर्ष के इसी पथ पर बढ़ते रहने के लिए कृतसंकल्प हूं. गरीब, मजदूर, किसान और हर एक दुखिया की सेवा के व्रत को कभी नहीं छोड़ सकता...
...लेकिन ह्रदय में एक पीड़ा जरूर है. यह बहुत गहरी भी है और पल-प्रति-पल सताने वाली भी. जिस भाई ने परछाईं बनकर जीवन भर मेरा साथ दिया, मेरी हर पीड़ा का शमन किया, उऋण (ऋणमुक्त) होने का मौका आया तो कुछ जयचंदों के कारण मैं उसके ऋण को चुका नहीं पाया."
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मुझमें बस एक ही कमी है कि मैं चाटुकारिता नहीं करता और इसी प्रवृत्ति के चलते मैंने राजनीतिक जीवन में बहुत नुकसान उठाया है. स्वाभिमानी हूं. जनता की खातिर जान की बाजी लगा सकता हूं.
गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है.