Dungarpur: अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष व राज्यमंत्री डूंगरपुर जिले के दौरे पर है. डूंगरपुर जिले में प्रवास के दौरान तबीयत खराब होने पर राज्यमंत्री डॉ. यादव जिला अस्पताल पहुचे ओर आम लोगो की तरह कतार में खड़े रहकर इलाज के लिए पर्ची कटवाई. वही कतार में अपना नंबर आने पर डॉ. से परामर्श लिया.


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दरअसल राज्यमंत्री डॉ. शंकर यादव बुखार के साथ खांसी और सर्दी-जुखाम की तकलीफ होने पर इलाज के लिए अस्पताल पहुचे थे. डॉ. यादव ने बताया कि जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को मिल रही सुविधाए जानने और मरीजों की तकलीफों को समझने के लिए उनहॉने अपनी पहचान बताए बिना अस्पताल का निरीक्षण करने का सोचा. अस्पताल पहुचकर सबसे पहले उनहॉने आउटडोर में लंबी कतार में खड़े रहकर इलाज के लिए पर्ची कटवाई. इसके बाद वे डॉ. सौरभ पाटीदार के कक्ष पहुचे ओर वंहा पर भी मरीजो की कतार में खड़े हो गए. 


अपनी बारी आने पर डॉ. यादव ने चिकित्सक को दिखाया और परामर्श लिया. वही निशुल्क दावा वितरण केंद्र पर पहुचकर दवाई भी ली. इधर निशुल्क दवा वितरण केंद्र पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेंद्र डामोर भी पहुचे ओर राज्यमंत्री की कुशलक्षेम पूछी. राज्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि डूंगरपुर जिला अस्पताल में सेवाए संतोषजनक है वहीं कुछ कमियां भी नजर आई जिसको लेकर अस्पताल प्रबंधन से चर्चा कर उन्हें दूर करने के लिए कहा है. 


इस मौके पर राज्यमंत्री डॉ यादव ने बताया कि देश मे राजस्थान ही एकमात्र राज्य है जंहा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क परामर्श, निशुल्क जांच और निशुल्क दवा के साथ चिरंजीवी योजना के माध्यम से मरीजो का सरकारी और निजी अस्पतालों में 25 लाख रुपये तक का इलाज का खर्च राज्य सरकार उठा रही है.  उनहॉने कहा कि सरकार ने आमजन के लिए अनेक योजनाएं चला रखी है वही उन योजनाओं की धरातल पर स्थिति जानने ले लिए जनप्रतिनिधियों को इस प्रकार के निरीक्षण करते रहने चाहिए.