राजस्थान के डूंगरपुर की रुक्मिणी कटारा (Rukmini Katara) एक सोलर कंपनी की सीईओ हैं. वह एक आदिवासी महिला हैं और केवल 9वीं पास हैं. सीईओ बनने के बाद कंपनी का टर्नओवर 3.5 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है.
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Dungarpur News: राजस्थान के डूंगरपुर (Dungarpur News) के एक गांव की रहने वाली रुक्मिणी कटारा की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अपने मेहनत और काबिलियत के चलते ज्यादा पढ़ी-लखी न होने के बाद भी एक सोलर कंपनी की मालकिन बन गई.
रुक्मिणी कटारा (Rukmini Katara) उन महिलाओं के लिए एक मिसाल है, जो अपने दम पर आगे बढ़ाना चाहती है. फिलहाल उनकी कंपनी में 50 महिलाएं काम करती हैं. वे सभी सोलर बल्ब, प्लेट, हीटर और अन्य उपकरण बनाती हैं.
रुक्मिणी नरेगा में करती थी काम
रुक्मिणी कटारा ने अपने बारे में बताया कि वह पहले नरेगा में काम करती थी. वहीं, एक दिन उन्हें राजीविका के बारे में पता चला, तो वह उस सहायता समूह से जुड़ गई और सोलर लैंप और प्लेट बनाने का काम सीखा. इसके साथ ही सोलर प्लेट इंस्टॉल करना भी सीख लिया.
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रुक्मिणी बनी कंपनी का CEO
इसके बाद वह एक सोलर कंपनी में सुपरवाइजर का काम करने लगी. वहीं, जब वह सारा काम सीख गई तो उन्हें कंपनी का सीईओ बना दिया गया. रुक्मिणी कटारा (Rukmani Katara CEO of Solar Company) के सीईओ बनने के बाद पिछले पांच साल में कंपनी का टर्नओवर 3.5 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया सम्मानित
रुक्मिणी कटारा ने बताया कि साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उन्हें और अन्य महिलाओं को सम्मानित किया. उनका कहना है कि महिलाओं को अपने आप को किसी से कम नहीं समझना चाहिए. बता दें कि रुक्मिणी एक आदिवासी महिला हैं, उनके पति का नाम कमलेश है और उनके चार बच्चे हैं. रुक्मिणी कटारा आदिवासी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है. रुक्मिणी कटारा केवल 9वीं पास हैं और आज वह एक कंपनी की सीईओ है.
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