मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित, अब नहीं जाएगी मरीजों की जान
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मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित, अब नहीं जाएगी मरीजों की जान

डूंगरपुर जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की जान नहीं जाएगी. 3 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होने के बाद डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में सरकार की ओर से अब 20 हजार किलोलीटर का नया लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित किया गया है. 

ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित

Dungarpur: डूंगरपुर जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की जान नहीं जाएगी. 3 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होने के बाद डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में सरकार की ओर से अब 20 हजार किलोलीटर का नया लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित किया गया है. 20 हजार किलो लीटर ऑक्सीजन स्टोर करने की सुविधा मिलने से अब अस्पताल के पास अतिरिक्त और वैकल्पिक ऑक्सीजन का बंदोबस्त हर समय रहेगा. ऐसे में अब मरीजों की जान बचाने में नए ऑक्सीजन प्लांट संजीवनी साबित होंगे.

प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर महेंद्र डामोर ने बताया कि डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को एक लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट सरकार से मिला है, जिसका इंस्टॉलेशन पूरा कर लिया गया है. डॉक्टर महेंद्र ने बताया कि मूलतः यह प्लांट लिक्विड ऑक्सीजन को बाहर के किसी जेनरेशन प्लांट से लाकर यहां स्टोर करने की व्यस्थाओं पर काम करेगा. इस प्लांट में दस दस हजार किलो लीटर के दो बड़े टैंक बनाए गए है, जिनमें कुल मिलाकर 20 हजार किलो लीटर ऑक्सीजन हर समय उपलब्ध रहेगी. 

यह लिक्विड ऑक्सीजन मेडिकली टेक्नोलॉजी से बनाई जाती है और इसमें शुद्धता की गारंटी ज्यादा होती है. इस प्लांट को अब तक अस्पताल के मातृ शिशु विंग से जोड़ दिया गया और सभी बेड पर ऑक्सीजन सुविधा सीधे मिलना शुरू हो गई है. वहीं कुछ ही दिनों में इसी प्लांट की पाइपलाइन को नए भवन से भी जोड़ दिया जाएगा. डॉ डामोर ने बताया कि इस नए प्लांट के अतिरिक्त अस्पताल में पहले से ही तीन ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट संचालित है, जिनसे पूरे अस्पताल के सभी 600 बेड जुड़े हुए है. 

यह तीनों प्लांट मिलाकर प्रति मिनट एक हजार नौ सौ लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करते है, जिसका लाभ अभी मरीजों को मिल रहा है. अब यह अस्पताल मेडिकल कॉलेज स्तर का  होने से जल्द ही बेड की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, ऐसे में ऑक्सीजन की उपलब्धता भी बढ़ाने की जरूरत समझी जा रही थी. डॉक्टर महेंद्र ने बताया कि यह प्लांट पूरी तरह वैकलिप्क बंदोबस्त की तरह काम करेगा, जैसे ही पहले से स्थापित तीनों ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट में से एक भी प्लांट किसी कारण से बंद हो जाता है तो इस नए स्टोरेज प्लांट से सप्लाई तत्काल शुरू हो जाएगी.

Reporter: Akhilesh Sharma

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