शिक्षा विभाग के सर्वे में हुआ खुलासा, आखिर क्यों बच्चों ने छोड़ा स्कूल ?
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शिक्षा विभाग के सर्वे में हुआ खुलासा, आखिर क्यों बच्चों ने छोड़ा स्कूल ?

प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही और उदासीनता के कारण  पिछले साल 314 बच्चे स्कूल से जुड़ने वंचित  रह गए थे .

शैक्षणिक सत्र

Dungarpuur: प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही और उदासीनता के कारण  पिछले साल 314 बच्चे स्कूल से जुड़ने वंचित  रह गए थे . ये खुलासा शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा अभियान के जरिए कि गई सर्वे की रिपोर्ट से हुआ है . जिसमें  शिक्षा विभाग की ओर से पिछले सत्र में करवाए गए सर्वे में 832 ड्राप आउट बच्चे चिन्हित हुए थे, लेकिन इन बच्चो में से शिक्षा विभाग 518 बच्चों को ही शिक्षा से जोड़ पाया. वही अब शिक्षा विभाग नए शैक्षणिक सत्र में इन बच्चो को स्कूलों से जोड़ेगा .

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बता दें कि, सरकार की ओर से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई अभियान चलाए जाते है . लेकिन इन अभियान के धरातल पर सफल नहीं होने के करण ये अभियान कारगर नहीं हो पाते है . इसमें प्रमुख कारण विभागीय अधिकारियों और कार्मिको की उदासीनता व लापरवाही बड़ा कारण है . कुछ ऐसा ही हुआ है डूंगरपुर जिले में . जहां पर शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा अभियान के जिले में स्कूलों से दूर हुए ड्राप आउट बच्चो का सर्वे किया गया था . जिसमें से जो बच्चे स्कूलों से पहले जुड़े हुए थे, लेकिन लम्बे समय से आ नहीं रहे थे, ऐसे बच्चों के घर-घर जाकर  पूछताछ की  . जिसके बाद सर्वे में कुल 832 ड्राप आउट बच्चे चिन्हित हुए. जिसमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग के 488 बच्चें ड्राप आउट पाए गए . वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग में 244 बच्चें ड्राप आउट पाए गए .

314 ड्राप आउट बच्चे नहीं जुड़ पाए स्कूलों से
डूंगरपुर जिले के समग्र शिक्षा अभियान के प्रभारी व माध्यमिक शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी अमृतलाल कलाल ने बताया की, जब ड्राप आउट बच्चों की सूची सामने आई तो सम्बंधित ब्लॉक्स को ड्राप आउट बच्चों की जानकारी देते हुए, उन्हें स्कूलों से जोड़ने के निर्देश दिए गए थे . इस दौरान कुल 832 बच्चों में से शिक्षा विभाग ने 518 ड्राप आउट बच्चों को फिर से स्कूलों से जोड़ा गया . लेकिन 314 ऐसे ड्राप आउट बच्चे आज भी ऐसे है जो अभी तक स्कूलों से जुड़ नहीं पाए है .

स्कूल छोड़ने के ये बताये कारण

डूंगरपुर जिले के माध्यमिक शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी अमृतलाल कलाल ने बताया की बच्चो के स्कूल छोड़ने के पीछे के कारणों को जाना गया था . तो इसमें कई कारण सामने आये . उन्होंने बताया की डूंगरपुर जिला आदिवासी जिला है रोजगार के अधिक साधन नहीं है ऐसे में लोग मजदूरी के लिए गुजरात पलायन कर जाते है . वही वे अपने साथ अपने बच्चे भी ले जाते है . वही कई परिवार ऐसे थे जो यही रहकर मजदूरी करते है लेकिन घर संभालने के लिए बच्चे स्कूल न जाकर घर पर ही रहते थे . वही कई बच्चो के स्कूल छोड़ने के कई अन्य कारण भी सामने आये .

नए शैक्षणिक सत्र में ड्राप आउट बच्चे जुड़ेंगे स्कूलों से

डूंगरपुर जिले के माध्यमिक शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी अमृतलाल कलाल ने बताया की 314 ड्राप आउट बच्चे जो फिलहाल स्कूलों से नहीं जुड़े है . उन बच्चो को भी नए शैक्षणिक सत्र में स्कूलों से जोड़ा जाएगा . उनके परिवार वालो से शिक्षा का महत्व बताते हुए समझाइश की जाएगी . इसके लिए उन्होंने सभी ब्लाक स्तरीय अधिकारी व स्कूलों को भी निर्देश जारी किये है .

माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी  अमृतलाल कलाल  ने बताया कि, बहराल डूंगरपुर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी शेष रहे ड्राप आउट बच्चों को इस शैक्षणिक सत्र में स्कूलों से जोड़ने के बात कर रहे है . खेर अब देखने वाली बात होगी की शिक्षा विभाग उन परिवारों से समझाइश कर कितने बच्चो को स्कूलों से जोड़कर उनका भविष्य बना पाता है .

Reporter - Akhilesh Sharma

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