जयपुर: राजस्थान बीजेपी ने कृषि बिलों (Agricultural Law) को लेकर चल रहे किसान आंदोलन को पूरी तरह प्रयोजित करार दिया है. बीजेपी ने किसान आंदोलन को केंद्र सरकार के खिलाफ अराजकता और अस्थिरता फैलाने की कोशिश बताई है. वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीतियों के कारण राजस्थान के किसान हरियाणा में बाजरा बेचने को मजबूर हैं.
दरअसल, केंद्र द्वारा तीन नए कृषि कानून बनने के बाद इनका विरोध चल रहा है. विरोध स्वरूप पंजाब से लेकर अन्य राज्यों के किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने प्रदर्शन के लिए दिल्ली कूच कर रखा और बुराड़ी में प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के प्रदर्शन के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी चल रहे हैं.
रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर कानून पर पुनर्विचार करने की मांग की है. इधर, राज्य के वरिष्ठ बीजेपी नेता वासुदेव देवनानी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री कोरोना वैक्सीन के लिए प्रयासरत हैं, वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन ओच्छी मानसिकता दर्शाने वाला है. किसान आंदोलन कांग्रेस और वामपंथियों की ओर से प्रायोजित है. देश में आराजकता, अस्थिरता का वातारण फैला रहे हैं, वो नहीं चाहते कि किसानों का भला हो. एक राष्ट्र एक बाजार का सिद्धांत तो कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी है.
इधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने राजस्थान के किसानों के बाजरे की खरीद को लेकर राज्य कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार बाजरे की खरीद नहीं कर रही है और अपनी कमियों को छुपाने के लिए गलत वक्तव्य जारी करके किसानों का अहित कर रही है. आज राजस्थान के किसान हरियाणा जाकर बाजरा बेचने को मजबूर हैं.