लापरवाही की भेंट चढ़ी लाश, 4 घंटे तक अस्पताल में इधर से उधर भटकती रही मां, पर नहीं मिला शव
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लापरवाही की भेंट चढ़ी लाश, 4 घंटे तक अस्पताल में इधर से उधर भटकती रही मां, पर नहीं मिला शव

सरकारी अव्यवस्थाओं के चलते एक मां अपनी विवाहित बेटी के शव को ढूंढने के लिए 4 घंटे से ज्यादा अस्पताल में भटकती रही, लेकिन बेटी के शव का पता तक नहीं लगा पाई.

लापरवाही की भेंट चढ़ी लाश, 4 घंटे तक अस्पताल में इधर से उधर भटकती रही मां, पर नहीं मिला शव

हनुमानगढ़: सरकारी अव्यवस्थाओं के चलते एक मां अपनी विवाहित बेटी के शव को ढूंढने के लिए 4 घंटे से ज्यादा अस्पताल में भटकती रही, लेकिन बेटी के शव का पता तक नहीं लगा पाई, ये मामला है हनुमानगढ़ जिले के सबसे बड़े अस्पताल महात्मा गांधी राजकीय अस्पताल का जहां जिला मुख्यालय के जंक्शन थाने की सुरेशिया चौकी पुलिस की लापरवाही के चलते 5 वर्ष पहले ब्याही अपनी बेटी की संदिग्ध मौत की सूचना उसके 4 वर्षीय बेटे से मिलने के बाद बुजुर्ग और अशिक्षित माता पिता और भाई अपनी बेटी का शव ढूंढते रहे, लेकिन किसी से जानकारी नहीं मिल पाई.

थक हार कर रोते बिलखते परिजन अस्पताल के बाहर जाकर बैठ गए जहां एक निजी एंबुलेंस ड्राइवर ने परिवार के पास जाकर समस्या जान मदद की बात कही, जिसपर कुछ जागरूक नागरिकों के साथ परिजन अस्पताल चौकी पहुंचे जहां रात्रि ड्यूटी में तैनात कार्मिक ने मोर्चरी में शव होने की जानकारी नहीं बताया, उसके बाद पुलिस कार्मिक के साथ ट्रॉमा सेंटर में मोर्चरी रजिस्टर में मंजू देवी का शव जंक्शन पुलिस के सिपाही रामकुमार द्वारा रखवाया जाना इंद्राज पाया गया. इस बारे में जब रात को संपर्क किया गया तो पुलिस कर्मी का नंबर बंद आ रहा था. ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा होता है मौत के बाद शव को ढूंढने के लिए करीब 5 घंटे तक भटकना पुलिस की लापरवाही और व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठा रहा हैं. 

पांच साल पहले हुई थी मंजू की शादी

दरअसल, मंजू की शादी 5 साल पहले जंक्शन के सुरेशिया निवासी अनिल ओढ़ से हुई थी, संदिग्ध परिस्थितियों में विवाहिता की फांसी लगने से हुई मौत के बाद अस्पताल पहुंची मां कैलाशो ने बताया कि उसकी बेटी मंजू की शादी के बाद घरेलू विवाद के चलते कई बार पंचायती और समझाइश के बाद मंजू को समझा बुझा कर ससुराल ले गए.

शुक्रवार को जब उनकी बात मंजू से हुई तो उसने मारपीट करने की बात कही थी, थोड़ी देर बाद जब परिजनों ने फोन किया तो 4 वर्षीय नाती ने फोन उठा कर कहा कि मम्मी तो मर गई, इस बात से सकते में आए परिजन शाम करीब छह बजे से जिला अस्पताल में शव का पता लगाते भटक रहे थे। जिसके बाद कुछ जागरूक नागरिकों की मदद से रात करीब 11 बजे ट्रॉमा सेंटर के मोर्चरी रजिस्टर से परिजनों को अपनी बेटी के शव की जानकारी मिल सकी.

दहेज हत्या का लगाया आरोप

महिला थाने में दर्ज दहेज हत्या के मामले में मृतक मंजू का पोस्टमार्टम करवाने आए जांच अधिकारी डीएसपी प्रशांत कौशिक ने बताया कि जंक्शन के सुरेशिया में संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या के मामले में परिजनों ने दहेज हत्या का मामला दर्ज करवाया है. जिस पर अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया.

घटना स्थल का मौका मुआयना कर साक्ष्य जुटाए जाएंगे. घटना की सूचना पुलिस द्वारा मृतका के परिजनों को नहीं देने और उच्चाधिकारियों को भी देरी से देने के सवाल पर डीएसपी बोले इस संबंध में तथ्य जुटा कर पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी. वहीं, रात को परिजनों द्वारा मृतका की 4-5 घंटे तक तलाश करने के सवाल पर बोले इसकी भी जानकारी जुटा कर जांच की जाएगी. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित पति अनिल को राउंड अप कर पूछताछ शुरू कर दी है.

पुलिस ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया

वहीं, इस प्रकरण में जंक्शन थानाप्रभारी अशोक विश्नोई ने लापरवाही और सूचना नहीं देने के आरोपों को निराधार बताते हुए, मृतका के फोन से ही परिजनों को सूचित करने की बात कही. वहीं, साथ ही बताया कि क्षेत्र के पार्षद ने भी इस संबंध में मृतका के पीहर पक्ष से बात की थी. मामले में सीओ सिटी द्वारा अनुसंधान जारी है.

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