जयपुर: सांभर झील में देशी और विदेशी, हजारों पक्षियों की मौत के मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बेहत गंभीर हैं. सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने मामले को लेकर अफसरों की हाई-लेवल बैठक की और अधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए. सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने बैठक के दौरान अफसरों से मामले की पूरी जानकारी ली.
मुख्यमंत्री गहलोत (Ashok Gehlot) ने अधिकारियों को तत्काल प्रभावी कदम उठाने को कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए ताकि किसी प्रकार के संक्रमण फैलने की आशंका नहीं बचे. मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवार को हुई हाई-लेवल बैठक में सीएम ने ये निर्देश दिए हैं.
बोटूलिज्म से हुई पक्षियों की मौत
वहीं भोपाल लैब की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से नहीं हुई है. लैब की रिपोर्ट के मुताबिक, हजारों पक्षियों की मौत बोटूलिज्म (Botulism) के जीवाणुओं से हुई है. ये बीमारी मृत पक्षी से पैदा हुए जीवाणुओं के संपर्क में आने या फिर खाने से होती है, जिससे पक्षियों के पैर में लकवा हो जाता है. फिर पंखों में लकवा होने से वो उड़ने में असमर्थ हो जाते हैं, जिससे पक्षियों की मौत हो जाती है. रेस्क्यू टीम (Rescue Team) अब लॉन्ग बूट पहनकर झील से मृत पक्षियों के शवों को निकालेगी. प्रमुख सचिव, कलेक्टर, वन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मामले का जायजा लिया.
हाईकोर्ट ने भी लिया मामले का संज्ञान
विदेशी पक्षियों की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है, जिस पर राज्य सरकार ने भी अपना जवाब पेश कर दिया है. हाईकोर्ट की खंडपीठ अब शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगी. कोर्ट में पेश किए गए जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि वैज्ञानिकों की एक्सपर्ट टीम ने मामले की जांच शुरु कर दी है और नतीजे चार से पांच दिन में मिलने की संभावना है.
ये हैं पक्षियों की मौत के कारण
सरकार ने जवाब में प्रवासी पक्षियों की मौत के संभावित कारणों में वायरल इंफेक्शन होना बताया है. जवाब में बताया गया है कि झील के बड़े हिस्से में 20 साल बाद पानी भरा है. संभावना है कि किनारों पर नमक की ज्यादा मात्रा से यह मौतें हो रही हों. इसके अलावा बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) भी हो सकता है. झील के जल स्तर में बढ़ोतरी और बढ़े हुए तापमान के कारण पक्षियों में आपसी संघर्ष भी मौत का कारण हो सकता है.
एक कारण पक्षियों का लंबी यात्रा के दौरान पर्याप्त भोजन नहीं मिलने, प्रदूषण के कारण कमजोरी और थकान भी हो सकता है. सरकार की ओर से पेश प्रारंभिक जवाब में कहा गया कि प्रवासी पक्षियों की मौत की जानकारी मिलते ही सरकार ने पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर भेज दी थी और उनकी सलाह पर ही मृत पक्षियों के शवों को चूने के साथ गहराई में दफन किया जा रहा है.
Edited by : Lalit Dubey, News Desk