जयपुर: बिजली के तारों से छेड़छाड करने वाले उपभोक्ताओं को अब सख्त सबक देने की तैयारी में डिस्कॉम हैं. जयपुर डिस्कॉम(Jaipur Discom) ने विद्युत तंत्र से छेड़छाड़ करने वालों पर एफआईआर(FIR) दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं.
डिस्कॉम को लगातार सूचनाएं प्राप्त हो रही है कि उपभोक्ताओं द्वारा सिंगल फेज सप्लाई के दौरान थ्री फेज ट्रांसफार्मर के इनकमिंग जम्पर से छेड़छाड़ कर एलटी साईड पर एक फेज सप्लाई चालू कर ली जाती है. इसके कारण एक फेज पर अत्यधिक करण्ट प्रवाहित होने के कारण लोड असंतुलन की वजह से वितरण ट्रांसफार्मर जल रहे है और 11 केवी लाईन के तार पर अधिक लोड के कारण तार टूटने और लाईन ट्रिपिंग की घटनाएं बढ रही है.
अधिकारियों को मिले निर्देश
जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने बताया कि कैपिसिटर लगाकर सिंगल फेज सप्लाई को थ्री फेज बनाकर काम में लिया जाना विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 126 के अन्तर्गत विद्युत दुरुपयोग की श्रेणी में आता है और धारा 138 के अन्तर्गत निगम के विद्युत तंत्र से छेड़छाड़ एक दण्डनीय अपराध भी है.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि निगम के विद्युत तंत्र से छेड़छाड़ कर विद्युत का दुरुपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ विद्युत अधिनियम -2003 की धारा 126 व 138 में विजीलेन्स चैकिंग रिपोर्ट बनाकर नियमानुसार कार्यवाही कर एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाए.
ट्रिपिंग कम होने का है अनुमान
जयपुर डिस्कॉम एमडी का मानना है कि विद्युत तंत्र से छेड़छाड़ के मामलों में सख्त कार्यवाही होने से ट्रांसफार्मर जलने व ट्रिपिंग की घटनाओं में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता की निर्बाध बिजली आपूर्ती हो सकेगी. जयपुर डिस्कॉम के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी शिकायतों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा था, बिजली के तारों से छेड़छाड़ पर दुर्घटना की आंशका भी बनी रहती थी, ऊर्जा विभाग के सख्त रुख के बाद माना जा रहा हैं ऐसी घटनाओं में कमी आएगा. वर्तमान में औसतन दस हजार शिकायतें प्रतिदिन डिस्कॉम्स को मिल रही हैं, इनमें से आधी घटनाएं ट्रिपिंग की हैँ. सख्त रवैए के बाद बिजली के सही भार की भी गणना हो सकेगी.