Jaipur: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) की ओर से शिक्षकों (Teachers) की विभिन्न मांगों को लेकर जयपुर में धरना दिया गया. जयपुर (Jaipur News) के बाइस गोदाम पर दिए गए इस धरने में तीन सूत्री मांगों को लेकर बड़ी संख्या में प्रदेशभर के द्वितीय श्रेणी शिक्षक, थर्ड ग्रेड शिक्षक, पुस्तकालय व शारीरिक शिक्षक एकत्रित हुए. वार्ता नहीं होने के चलते शिक्षकों में आक्रोश भी देखने को मिला. आक्रोश के चलते शिक्षकों ने विधानसभा (Rajasthan Vidhasabha) कूच की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद भारी पुलिस जाप्ते ने शिक्षकों को विधानसभा कूच के प्रयास को रोक दिया.
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चार सूत्री मांगों को लेकर प्रदेशभर के शिक्षकों का धरना
थर्ड ग्रेड, सैकेंड ग्रेड, पुस्तकालय, शारीरिक शिक्षकों ने दिया धरना
वार्ता नहीं होने पर शिक्षकों ने की विधानसभा कूच की कोशिश
लेकिन भारी पुलिस जाप्ते ने धरना स्थल पर ही रोका शिक्षकों को
बाद में वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल ले जाया गया सचिवालय
थर्ड ग्रेड शिक्षकों की तबादला नीति बनाने,द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले
प्रतिबंधित जिलों में लगे शिक्षकों के तबादले जल्द करने
पुस्तकालय व शारीरिक शिक्षकों के तबादले करने की मांग को लेकर धरना
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) का कहना है कि "शिक्षकों की समस्या लम्बे समय से चली आ रही है और इसी के चलते आज संयुक्त रूप से धरना दिया जा रहा है. अगर जल्द ही मांगें नहीं मानी जाती है तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस बार शिक्षा मंत्री से वार्ता ना करके सीधा मुख्यमंत्री से वार्ता की जाएगी. " तो वहीं राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा के प्रदेशाध्यक्ष भैरुराम चौधरी का कहना है कि "द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के दो बार तबादला आवेदन भरवाया जा चुका है, लेकिन शिक्षा मंत्री सिर्फ अपने विधानसभा क्षेत्र के ही तबादला सूची जारी कर रहे हैं,,ऐसे में जब तक द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की तबादला सूची जारी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा."
तो वहीं तबादलों की आस लगाए सालों से इंतजार कर रही शिक्षकों का दर्द उनकी आंसुओं की जुबानी फूटा, थर्ड ग्रेड और सैकेंड ग्रेड शिक्षिकाओं का कहना है कि "पिछले 10 सालों से एक ही स्थान पर नौकरी कर रहे हैें. घर से कोसों दूर होने की वजह से ना तो परिवार का ध्यान रख पा रहे हैं और ना ही बच्चों की अच्छी परवरिश कर पा रहे हैं. ऐसे में लम्बे समय से एक ही स्थान पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के लिए कुछ तो सरकार को सोचना चाहिए."
तो वहीं शिक्षकों के इस आंदोलन पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा कहना है कि "हमारी सरकार ने सभी वर्गों के बारे में सोचा है. ट्रांसफर (Transfer) कोई अधिकार नहीं है. ट्रांसफर की मांग की जा सकती है, लेकिन इसके लिए आंदोलन करना गलत है. हालांकि जो शिक्षिकाएं 10-12 साल से एक ही जगह पर नौकरी कर रही है उनके लिए हमने ट्रांसफर पॉलिसी बनाने का काम किया गया है और अगर कोई समस्या है तो मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे, लेकिन कोई भी वर्ग ट्रांसफर को लेकर आंदोलन करे वो उचित नहीं है और शिक्षा विभाग के लिए तो बिल्कुल भी उचित नहीं है."
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