Rangbhari Ekadashi 2023: रंगभरी एकादशी पर 3 दुर्लभ संयोग का हो रहा मिलन, इन 4 राशि वालों को मिलेगा त्रिदेव का आशीर्वाद
Rangbhari Ekadashi 2023: रंगभरनी एकादशी पर इन चार राशि वालों पर तीनों लोकों के स्वामी के साथ जगत के पालनहार श्री विष्णु हरि और जगत जननी को एक साथ कृपा बरसेंगी. ऐसे में इनके जीवन में नये रंगों के संचार के साथ धन की बारिश निश्चित मानी गई है.
Rangbhari Ekadashi 2023: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की रंगभरनी एकादशी इस बार 3 मार्च के दिन पड़ रही है. होली से पहले आने वाली इस एकादशी को रंगभरी या रंगभरनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी का महत्व काफी बड़ा माना गया है. इस एकादशी में भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का भी विधान है. अब जब तीनों लोकों के स्वामी के साथ जगत के पालनहार श्री विष्णु हरि और जगत जननी को पूजा पर एक साथ कृपा बरसेंगी तो सुख के साथ धन की बारिश निश्चित मानी जाती है.
रंगभरी एकादशी के दिन तीन शुभ संयोग एक साथ
रंगभरी एकादशी के दिन इस बार तीन शुभ संयोग एक साथ बन रहे हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और फिर शोभन योग की आपस में एक साथ मिल रहे है. ये तीनों शुभ संयोग मनोवांछित फल की पूर्ति के लिए होते हैं. हालांकि तीनों योग बेहद कम समय के लिए साथ मिलेंगे जबकि 2 योग का समय कुछ घंटों के लिए बन रहा है.
सर्वार्थ, सौभाग्य और शोभन योग बहुत ही शुभ फल देने वाला
ज्योतिषीय विशेषज्ञों के अनुसार सर्वार्थ, सौभाग्य और शोभन योग बहुत ही शुभ माना गया है. जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा, लेकिन तीन राशियों के लिए ये योग शुभ फल लेकर आने वाला है. जो करियर और बिजनेस में नई ऊंचाइयों को हासिल करेंगे.
मेष राशि
मेष राशि के स्वामी मंगलदेव है.भगवान शंकर के 11वें अवतार रूद्र अवतार हनुमान जी का साथ मेष राशि पर रहेगा. भाग्य के सहयोग से इस राशि के जातक को अपने कार्यों में सफलता मिलेगी. नौकरी पेशा लोगों को नए अवसर प्राप्त होंगे. वहीं प्रमोशन मिलने के शानदार योग बनेंगे हैं. भगवान विष्णु के साथ शिव- गौरी के आशीर्वाद से समाज में सम्मान बढ़ेगा.आपकी आय में वृद्धि होगी और धन लाभ के योग बनेंगे. कुल मिलाकर रंगभरनी एकादशी के दिन आपके जीवन में नये रंग का संचार होने वाला है.
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को फल, बेल पत्र, कुमकुम, रोली, पंच मेवा और अक्षत अर्पित करें. इस जातक के महिलाएं माता गौरी को सोलह श्रृंगार भेंट करें. इसके बाद भगवान को रंग-गुलाल अर्पित करें. दीपक और कपूर से आरती करें, साथ ही भगवान को मिष्ठान का भोग लगाएं. तीनों देव के आशीर्वाद मिलेंगे.
वृष राशि
इसके स्वामी ग्रह शुक्र हैं. रंगभरनी एकादशी पर बन रहे अद्भूत संयोग से आपके लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है. आपको अपने करियर में नाम और पैसा दोनों मिलने वाला है. अगर आप कोई नया वाहन खरीदने जा रहे हैं या जमीन-जायदाद या जमीन में निवेश करने जा रहे हैं तो यह समय आपके लिए अच्छा है. इसके अलावा अगर आप राजनीति या सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं तो यह समय आपके लिए काफी सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा.रं गभरनी एकादशी के दिन आप गुलाबी रंग के गुलाल भगवान भोलेनाथ और माता गौरी के चरणों में अर्पित करें.
मिथुन राशि
मिथुन राशि का स्वामी बुध है. मिथुन राशि के जातकों को रंगभरनी एकादशी के दिन लाभ होगा. इस दिन मिथुन राशि के जातकों को आय में वृद्धि होने की संभावना है. नौकरीपेशा लोगों को नौकरी में प्रमोशन के मौके मिल सकते हैं. अगर आप किसी व्यापार से जुड़े हैं तो आपको कोई नई डील मिलने की संभावना है. आपका दैवीय कृपा मिलेगी जिससे आपका शरीर ऊर्जा से भरपूर रहेगा और आप उत्साह से भरे रहेंगे. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को जल अर्पित करें. साथ ही गुलाल अर्पित कर दीपक और कपूर से आरती करें.
धनु राशि
धनु राशि वालों पर गुरु का प्रभाव होता है, क्योंकि इस राशि के स्वामी वृहस्पति है. इस राशि के जातक को रंगभरनी एकादशी पर शुभसंकेत देने जा रहा है. जो लोग मीडिया या फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं, उनके काम की इस दौरान सराहना हो सकती है. आर्थिक पक्ष में भी सुधार देखने को मिल सकता है. परिवार के किसी सदस्य को अच्छी नौकरी मिल सकती है. स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं दूर होगी. सेहत में अच्छे बदलाव हो सकते हैं. विद्यार्थियों को एकाग्रता में वृद्धि देखी जा सकती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को जल अर्पित करें. साथ ही गुलाल अर्पित कर दीपक और कपूर से आरती करें. साथ ही ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करें.
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रंगभरी एकादशी का पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 2 मार्च दिन, गुरुवार को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से हो रहा है. तो वहीं, इसका समापन 3 मार्च, दिन शुक्रवार को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर होगा.
बाकी राशि के जातक रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को त्रृतु फल चढ़ाएं, बेल पत्र, कुमकुम, रोली, पंच मेवा और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद भगवान को रंग-गुलाल अर्पित करें. भाग्योदय होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)