भर्ती परीक्षा होकर, रिजल्ट भी निकल गया और अभ्यर्थियों को नियुक्ति होने जा रही है, लेकिन अभी तक परीक्षा में हुए खर्च का भुगतान अभी तक नहीं किया गया.
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Jaipur : भर्ती परीक्षा होकर, रिजल्ट भी निकल गया और अभ्यर्थियों को नियुक्ति होने जा रही है, लेकिन अभी तक परीक्षा में हुए खर्च का भुगतान अभी तक नहीं किया गया. करीब 31 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए फाइल सचिवालय के गलियारों में चक्कर काट रही है. वहीं, यदि समय पर एजेंसी को भुगतान नहीं किया तो पैनल्टी की मार झेलनी पड़ेगी. मामला पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2019 से जुड़ा हुआ है.
प्रदेश में पिछले साल पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2019 (Police Constable Recruitment 2019) आयोजित की गई थी. इसके तहत कांस्टेबल के 5438 पदों पर भर्ती की गई. भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से ऑन लाइन आवेदन मांगे गए थे. कांस्टेबल भर्ती के लिए नवम्बर 2020 में लिखित परीक्षा ली गई. परीक्षा का रिजल्ट जारी कर भर्ती के दूसरे चरण अर्थात आउटडोर परीक्षा भी ले ली गई है. इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की कार्रवाई लगभग पूरी होने जा रही है, लेकिन परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी का अभी तक भुगतान अटका हुआ है. बकाया भुगतान को लेकर पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार को कई बार पत्र लिख चुका है, लेकिन अभी तक भुगतान की मंजूरी नहीं मिल रही है.
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- कांस्टेबल के 5438 पदों के लिए रिकॉर्ड तोड़ 17 लाख 61 हजार 760 आवेदन आए थे.
- परीक्षा आयोजन के लिए पीएचक्यू ने 52 करोड़ 50 हजार रुपए का बजट मांगा था.
- बाद में वित्त विभाग ने कांस्टेबल भर्ती के लिए 44 करोड़, 7 लाख 21 हजार 880 रुपए का बजट की मंजूरी दी थी.
- भर्ती परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी और पीएचक्यू के बीच अनुबंध में तीन किश्तों में राशि भुगतान होना तय हुआ था.
- पिछले वित्तीय वर्ष मार्च 2020 में एजेंसी को 30 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया.
- शेष 70 प्रतिशत राशि 30 करोड़ 85 लाख पांच हजार 316 रुपए का भुगतान किया जाना बाकाया है.
- एजेंसी ने लिखित परीक्षा का आयोजन, उत्तर पत्रक की प्रिंटिंग, ओ.एम.आर. स्कन ईमेज एवं परीक्षा परिणाम तैयार करने का खर्च बताया है.
- इधर एजेंसी भुगतान के लिए लगातार मांग कर रही है, वहीं पीएचक्यू गृह विभाग को बकाया भुगतान के लिए लिख रहा है.
- पीएचक्यू ने हाल ही प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर कहा है कि निर्धारत समय पर भुगतान नहीं किया तो एजेंसी को पैनल्टी सहित भुगतान करना होगा.
- इतना ही नहीं पीएचक्यू ने सुझाव भी दिया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 की समाप्ति पर 31.35 करोड़ की राशि समर्पित की गई थी.
- इस बजट को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 31.35 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान करने की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी जाए.