Rajasthan में अक्षय ऊर्जा संभावनाओं पर अहम बैठक, 1.5 लाख करोड़ के निवेश का खाका तैयार
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Rajasthan में अक्षय ऊर्जा संभावनाओं पर अहम बैठक, 1.5 लाख करोड़ के निवेश का खाका तैयार

वर्चुअल मीटिंग में ऊर्जा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला (BD Kalla), राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Harish Choudhary), मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Niranjan Arya) समेत वित्त, ऊर्जा और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. 

बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्थान को हर कीमत पर अक्षय ऊर्जा हब बनाना है.

Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र (renewable energy sector) में डेढ़ लाख करोड़ रुपये के नए निवेश पर राजस्थान की गहलोत सरकार काम कर रही है. अक्षय ऊर्जा की नीतियों, चल रहे प्रोजेक्टों और मेगा सोलर पार्क संभावनाओं पर आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई. 

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वर्चुअल मीटिंग में ऊर्जा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला (BD Kalla), राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Harish Choudhary), मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Niranjan Arya) समेत वित्त, ऊर्जा और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. 

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बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्थान को हर कीमत पर अक्षय ऊर्जा हब बनाना है. जो रियायत सरकार की ओर से निवेशकों को दी जा सकती हैं उन पर तुरंत निर्णय लेने के साथ सुनियोजित विकास की पहल करनी है. 

राजस्थान में अक्षय ऊर्जा सम्भावनाओं पर अहम बैठक

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मीटिंग
  • निवेश नीतियों, मेगा सोलर पार्क और योजनाओं की समीक्षा
  • वर्ष 2025-25 तक तय किये लक्ष्यों और विभागीय प्रगति का लिया ब्यौरा
  • इस अवधि तक 30 हज़ार मेगावाट सौर ऊर्जा, 
  • 7500 मेगावाट विंड एन्ड हाइब्रीड एनर्जी उत्पादन क्षमता का लक्ष्य
  • निवेश के लिए सरकारी भूमि DLC दर पर आवंटित करने
  • 10 वर्ष तक परियोजना में विद्युत शुल्क में छूट
  • स्टाम्प शुल्क और 90 प्रतिशत स्टेट GST में राहत अनुदान देने का फैसला
  • 1.5 लाख करोड़ नए निवेश का खाका इस सेक्टर में तैयार
  • बैठक में ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी
  • मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख सचिव वित्त अखिल अरोड़ा सहित ऊर्जा विभाग के अधिकारी रहे मौजूद

क्या बोले सीएम अशोक गहलोत 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान को अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में सिरमौर बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है. अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 और सोलर-विंड हाईब्रिड ऊर्जा नीति-2019 लागू की है. इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और मेगा सोलर पार्क परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिला है. 

समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि निगम मिशन भावना के साथ काम करते हुए वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड तथा हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने का प्रयास करे. राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है. हमें इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में नई सोच और तकनीक के साथ काम करना होगा. इससे न केवल प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा हब बन सकेगा, बल्कि इससे रोजगार के बड़े अवसरों का सृजन भी संभव होगा. 

भूमि खरीद के लिए सीलिंग लिमिट में छूट का प्रावधान 
राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी भूमि डीएलसी दरों पर आवंटित करने, 10 वर्ष तक परियोजना के लिए विद्युत शुल्क में पूर्ण छूट देने, सौर ऊर्जा उपकरण निर्माताओं को स्टाम्प शुल्क में छूट और राज्य जीएसटी में 90 प्रतिशत तक निवेश अनुदान देने जैसे महत्वपूर्ण फैसले किए हैं. साथ ही, निजी कृषि भूमि पर सौर अथवा पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित करने पर भू-रूपान्तरण की अनिवार्यता समाप्त करने तथा भूमि खरीद के लिए सीलिंग लिमिट में छूट का प्रावधान भी किया है. 

प्रदेश में कुछ ऊर्जा परियोजनाओं को कस्टमाइज पैकेज स्वीकृत
हाल ही में राज्य सरकार ने प्रदेश में कुछ बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं को कस्टमाइज पैकेज स्वीकृत किया है. इससे राज्य में करीब 1.5 लाख करोड़ रूपये का निवेश होने की संभावना है. उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी बजट एवं अन्य घोषणाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास करे. कुसुम योजना के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से समन्वय किया जाए, ताकि अपनी भूमि में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के इच्छुक किसानों को कम ब्याज दर पर बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिल सके. 

क्या बोले ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला 
ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि विभाग अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है. इसके लिए जरूरी नई नीतियां लाने के साथ ही प्रावधानों में आवश्यक संशोधन किया गया है. हमारा पूरा प्रयास है कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक पटल पर नई पहचान स्थापित करे. 

क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं मौजूद 
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में सौर एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं मौजूद है. ऐसे में सरकार की नीतियों से इस क्षेत्र में राजस्थान बड़ा निवेश आकर्षित कर सकता है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण की चुनौतियों को देखते हुए स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम बढ़ाए जा रहे हैं. अक्षय ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति देने के लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है. 

सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता में राजस्थान का देश में दूसरा स्थान
राजस्थान अक्षय ऊर्जा के सीएमडी सुबोध अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में अक्षय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 11 हजार 117 मेगावाट तक पहुंच गई है. सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता में राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है. जोधपुर के भडला में 2245 मेगावाट क्षमता का विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क स्थापित किया गया है. उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2018 से मई 2021 तक करीब 49 हजार मेगावाट की नई अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का पंजीकरण किया गया है और बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट द्वारा 34 हजार 200 मेगावाट की परियोजनाओं को कस्टमाइज पैकेज दिया गया है. बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव वन एवं पर्यावरण श्रेया गुहा, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा दिनेश कुमार सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे. 

 

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