Rajasthan: कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन पर अशोक गहलोत का केंद्र पर हमला, कहा...
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Rajasthan: कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन पर अशोक गहलोत का केंद्र पर हमला, कहा...

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि केंद्र सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़ कर आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को मानकर कृषि कानूनों में बदलाव करना चाहिए .

 

राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं अशोक गहलोत. (फाइल फोटो)

Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के हितों के प्रति संवेदनशील रही है. कोरोना महामारी के सकट के समय जहां पूरी अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई तब भी कृषि क्षेत्र ने विपरीत परिस्थितियों में देश की अर्थव्यवस्था को संबल दिया है. इस दौर में देश के किसानों ने अपनी मेहनत से सकल घरेलू उत्पाद की दर को सहारा प्रदान किया है. ऐसे में केन्द्र और राज्य सरकारों का दायित्व है कि किसान के जीवन को बेहतर बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि केंद्र सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़ कर आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को मानकर कृषि कानूनों में बदलाव करना चाहिए. पीएम ने कहा जिस देश में इतने बड़े स्तर पर लंबे समय तक आंदोलन चलते हैं वहां विकास की गति धीमी हो जाती है इस देश की आर्थिक व्यवस्था में किसान बड़ी दूरी है वरना काल में भी किसान ने देश की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में बड़ा सहयोग किया है, लिहाजा इस वर्ग का सम्मान होना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 'मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना के शुभारभ किया है. सीएम ने कहा इस योजना का मकसद किसान को आर्थिक संबल देना है.

दरअसल, प्रदेश के किसानों के बिजली बिलों में राहत देने के मकसद से यह योजना शुरू की गई है. योजना पर सालाना 1450 करोड़ रूपए का अतिरिक्त व्यय होगा. इसमें कृषि उपभोक्ताओं को बिजली दरों पर प्रति माह 1 हजार रुपए और अधिकतम 12 हजार रुपए प्रतिवर्ष अनुदान मिलेगा. इस योजना के शुरू होने पर प्रदेश में लघु एवं मध्यम वर्ग के किसानों के लिए कृषि बिजली लगभग निःशुल्क हो जाएगी. वर्तमान में प्रदेश में कृषि विद्युत की दर 5 रूपए 55 पैसे प्रति यूनिट होने के बावजूद किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है. शेष 4 रूपए 55 पसे प्रति यूनिट का अनुदान राज्य सरकार वहन कर रही है. कृषि विद्युत दरों पर अनुदान के कारण राज्य सरकार पर 16 हजार करोड़ रूपए प्रतिवर्ष का आर्थिक भार आ रहा है. 

प्रदेश में बिजली व्यवस्था को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री ने 74 करोड़ रूपए की लागत से बाड़मेर, जालोर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर एवं बारा जिले में 132 केवी के ग्रिड सब स्टेशनों का लोकार्पण किया. 45 करोड़ रूपए की लागत के बीकानेर एवं जालोर में 132 केवी जीएसएस का शिलान्यास हुआ है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जयपुर में 132 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले विद्युत भवन एनेक्सी का शिलान्यास किया है.
राजस्थान में सौर ऊर्जा नीति 2019 एवं पवन ऊर्जा नीति 2019 के माध्यम से अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. वर्ष 2025 तक 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है.
 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को अच्छी गुणवत्ता की बिजली उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है. इसलिए हम बिजली के वितरण के साथ-साथ उत्पादन और प्रसारण पर भी फोकस कर रहे हैं. पूरे राजस्थान में बिजली के नये ग्रिड लाइन और सब-स्टेशन विकसित कर इसके नेटवर्क को बेहतर बनाया जा रहा है. कृषि क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति के लिए नई कम्पनी का गठन इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है. इसके माध्यम से किसानों को उनकी मांग के अनुरूप पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा. सभी जिलों में किसानों को दिन के समय बिजली देने का लक्ष्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं.  डॉ. कल्ला ने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में 132 केवी एवं 33 केवी के ग्रिड सब-स्टेशन बनाकर विद्युत तंत्र को मजबूत किया जा रहा है. इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान लगातार किसानों के हित में फैसले कर रही है और जिसका लाभ दूरदराज के रहने वाले किसानों को मिला भी है. यही वजह है कि राजस्थान सरकार के खिलाफ ढाई साल के इस कार्यकाल में कोई भी किसान विरोधी आवाज सुनाई नहीं दी है. किसान मित्र ऊर्जा योजना सहित मुख्यमंत्री ने जो फैसले किए हैं इससे किसानों के जीवन को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

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