तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव, सभी इंजीनियरिंग कॉलेज होंगे तकनीकी विश्वविद्यालय के अधीन
राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की ओर से तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव किया गया है.
Jaipur: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की ओर से तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव किया गया है. अब तक छात्रों की कमी और समस्याओं से जूझ रहे तकनीकी कॉलेजों में एक नई जान फूंकने साथ ही उनको नई संजीवनी देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की ओर से एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को विश्वविद्यालयों के संघटक कॉलेजों में तब्दील कर दिया हैं और मुख्यमंत्री की सहमति के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग (Technical Education Department) की ओर से इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिया गया है.
अब तक सोसायटी के अधीन चल रहे तकनीकी कॉलेजों को एक नई संजीवनी देने का काम सरकार की ओर से किया गया है. अब तक सोसायटी के अधीन चल रहे प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering colleges) अब से विश्वविद्यालय के अधीन होंगे. सोसायटी के अधीन चल रहे इन कॉलेजों का संचालन विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि "नये बदलाव के तहत राज्य के इंजीनियरिंग 11 में से 6 कॉलेजों को आरटीयू को संघटक कॉलेज बनाया गया है, जिसमें झालावाड़, बारां, धौलपुर, करौली, भरतपुर, भीलवाड़ा आरटीयू कोटा के इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं. जबकि बीकानेर, अजमेर, महिला कॉलेज अजमेर को बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज बना दिया गया है. दो कॉलेजों को उच्च शिक्षा के अधीन किया गया है. इसमें बाड़मेर कॉलेज को एमबीएम जोधपुर विश्वविद्यालय को सौंपा गया है. जबकि इंजीनियरिंग कॉलेज बांसवाड़ा के गोविंद गुरु यूनिवर्सिटी बांसवाड़ा का संघटक कॉलेज बनाया गया है."
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तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि "अब तक सोसाइटी कॉलेजों में लगे फैकल्टी को भी अब यूनिवर्सिटी की फैकल्टी बनाया जाएगा. हालांकि इसके लिए स्क्रीनिंग के प्रोसेस से गुजरना होगा. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज कहे जाने वाले इन कॉलेजों का विकास रूका हुआ था, लेकिन आज इस निर्णय के लागू होने से अब उम्मीद कर सकते हैं कि इन इंजीनियरिंग कॉलेजों को नई दिशा मिल सकेगी. इन कॉलेजों में लगाए गए स्टाफ की योग्यता को लेकर विभाग को कई तरह की शिकायतें मिली हैं, जिसकी जांच होगी. दस्तावेजों का सत्यापन होने के बाद ही उन शिक्षकों को यूनिवर्सिटी के शिक्षक बनाएं जा सकेंगे.