गहलोत सरकार का बड़ा कदम, तीन राष्ट्रीय राजमार्गों को बनाया जाएगा दुर्घटनामुक्त
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. शासन सचिवालय में गृह, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार की अध्यक्षता में `सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के संबंध` में बैठक हुई.
Jaipur: प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. शासन सचिवालय में गृह, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार की अध्यक्षता में 'सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के संबंध' में बैठक हुई.
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उन्होंने परिवहन, पुलिस, चिकित्सा, सार्वजनिक निर्माण, एनएचएआई, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए.
पायलट प्रोजेक्ट के तहत
मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा की अनुपालना में प्रदेश के तीन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत सड़क दुर्घटनामुक्त बनाया जाना है. इनमें शाहजहांपुर से अजमेर (एनएच 448), बर-बिलाड़ा-जोधपुर (एनएच 25) व सीकर से बीकानेर (एनएच 110) राष्ट्रीय राजमार्ग है. गृह, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सड़क दुर्घटना की रोकथाम के लिए गंभीर है, उनके द्वारा कार्यों की निरंतर निगरानी की जा रही है. दुर्घटनाएं रोकने के लिए सभी विभागों को मिलकर प्रयास करने चाहिए.
एसीएस ने कहा कि एंबुलेंस के रेस्पॉन्स टाइम और बेहतर बनाया जाए. सड़क दुर्घनाओं में गंभीर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने वाले गुड सेमेरिटन को मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया जाए. उन्होंने पुलिस अधीक्षकों और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को एनएचएआई की मदद से ओवरस्पीड वाहनों को ट्रेक कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईरैड) एप्लीकेशन के जरिए सड़क दुर्घटना से संबंधित डेटा को तुरंत अपलोड करें, ताकि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए उनका वैज्ञानिक विश्लेषण हो सके.
दुर्घटनाएं रोकने के लिए नियमों की पालना हो
परिवहन एवं सड़क सुरक्षा आयुक्त महेंद्र सोनी ने कहा कि सड़क दुर्घटना सबसे बड़े किलर की भूमिका निभा रही है. यह सिर्फ दुर्घटना या आंकड़ा न होकर परिवार के लिए बड़ी क्षति है. उन्होंने कहा कि रोड़ इंजीनियरिंग के लिए पीडब्ल्यूडी नोडल विभाग है, वह एनएचएआई से समन्वय कर उनका सुदृढ़ीकरण कराए. जिला प्रशासन, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा बाल वाहिनियों की नियमित जांच कराई जाए.
बसों के संचालन के संबंध में स्कूल संचालकों के साथ बैठक करें. ब्लैक स्पॉट्स को जल्द ही दुरूस्त कराए. ट्रैक्टर, ट्रेलर जैसे वाहनों में आमजन यात्रा नहीं करें. उन्होंने कहा कि आईरैड सड़क दुर्घटनायें रोकने के लिए बैक बोन साबित होगा. इसलिए दुर्घटनाओं के संपूर्ण जानकारी तुरंत अपलोड की जाए.
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रोड सेफ्टी ऑडिट टीम गठित हो
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, यातायात वी.के. सिंह ने कहा कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जिला कलक्टर द्वारा रोड़ सेफ्टी ऑडिट टीम गठित कर ऑडिट कराई जाए. उन्होंने जिला स्तरीय यातायात प्रबंधन समिति और जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की नियमित बैठक करने के निर्देश दिए. दोपहिया वाहन चालक आईएसआई मार्क हेलमेट पहनकर ही वाहन चलायें. संभावित दुर्घटना स्थलों के नजदीक ही एंबुलेंस की उपलब्धता हो. राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध पार्किंग व अतिक्रमण को हटाए.
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जयपुर, जोधपुर, अलवर, अजमेर, पाली, बीकानेर, चूरू, सीकर, भिवाड़ी से जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, सार्वजनिक निर्माण विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, एनएचएआई और सड़क दुर्घटना रोकने में जुटे संबंधित विभागों के प्रतिनिधि जुडे़.