विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कोयले की कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित हिने के मामले में राज्य सरकार (Rajasthan Government) को आड़े हाथ लिया है.
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Jaipur : विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कोयले की कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित हिने के मामले में राज्य सरकार (Rajasthan Government) को आड़े हाथ लिया है. राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि कोल इंडिया कंपनी के चेयरमैन के बयान से साफ है कि कोयला प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार कितनी गंभीर रही है? सरकार ने पूरे साल कोयला नहीं लिया और करीब 600 करोड़ रुपये भी बकाया है. राठौड़ ने कहा कि अब प्रदेश में बिजली संकट आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केन्द्र पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं.
राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार के उपक्रम से कोयला नहीं खरीदकर निजी कोयला उत्पादक कंपनियों से महंगे दामों पर कोयला खरीदा और निर्धारित समयावधि पर इन कंपनियों को सरकार द्वारा भुगतान भी नहीं किया गया. जिसके कारण कोयला उत्पादक कंपनियों ने कोयला आपूर्ति बंद कर दी.
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला को उन्होनें पूर्व में भी बिजली संकट को लेकर बार-बार चेताया था. आज सरकार के कुप्रबंधन एवं अदूरदर्शिता के कारण प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बिजली कटौती हो रही है. वहीं, सरकार द्वारा अब तक जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ एक्शन नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण है.
राठौड़ ने कहा कि विगत 10 वर्ष में यह पहली बार है जब गांवों में 8-8 घंटे कटौती होने से किसान सबसे ज्यादा परेशान है. एक तरफ किसान डीएपी खाद को लेकर घंटों लाइन में खड़ा रहने को मजबूर है. वहीं, बिजली संकट की सबसे ज्यादा मार भी किसान झेल रहा है. जबकि किसानों के लिए यह समय फसलों की बुवाई का होता है.
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राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में हाहाकर मचने के बाद अब जाकर सरकार आनन-फानन में अपने अफसरों को भेज रही है. प्रदेश में बिजली के अभूतपूर्व संकट के लिए राज्य सरकार का कुप्रबंधन ही पूर्णतः जिम्मेदार है.