गुलाबचंद कटारिया की सरकार को खरी-खरी, `वैक्सीन पेड़ पर नहीं लग रही, जो जितनी चाहें, तोड़कर दे दें`
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) ने कहा कि वैक्सीन कोई पेड़ पर नहीं लगती है, जो जितनी चाहे उतनी तोड़कर दे दी जाए.
Jaipur: प्रदेश में वैक्सीन (Vaccine) की किल्लत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की तरफ़ से वैक्सीन को लेकर केंद्र से डिमांड पर बीजेपी का तल्ख बयान आया है.
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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) ने कहा कि वैक्सीन कोई पेड़ पर नहीं लगती है, जो जितनी चाहे उतनी तोड़कर दे दी जाए. कटारिया ने कहा कि वैक्सीन केंद्र सरकार की तरफ़ से देश के अलग-अलग राज्यों को भेजी जा रही है. कटारिया ने कहा कि जितना उत्पादन है, उसके हिसाब से वितरण हो रहा है लेकिन इसमें राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे व्यवस्था बनाये रखें.
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दरअसल, प्रदेश में वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के कारण कई सेन्टर्स पर कतारें लग रही हैं. कई जगह तो हालत यह है कि वैक्सीन उपल्बध ही नहीं हैं और लोग बिना वैक्सीन लगवाए वापस लौट रहे हैं. ज्यादा परेशानी उन लोगों के साथ है, जिनके वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगनी है और उन्हें भी वैक्सीन नहीं मिल रही है. इसी मामले में मुख्यमंत्री ने केंद्र से वैक्सीन सप्लाई बढ़ाने की मांग रखी थी.
कैंप सक्षम स्तर पर मंजूरी के बाद ही लगाये जाते
वैक्सीनेशन के मामले में कैंप लगाने के मामले में भी कुछ लोगों ने आपत्ति जताई है. दरअसल बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को कहा है कि कांग्रेस के सहयोगी संगठनों के कार्यालय में शिविर लगाने के बजाय आम लोगों के लिए यह सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से भी इस पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि आम आदमी को भी वैक्सीन दी जानी चाहिए लेकिन कैंप सक्षम स्तर पर मंजूरी के बाद ही लगाये जाते हैं. कटारिया ने कहा कि समाजों की तरफ़ से कैंप लगाये जाएं या किसी संगठन की तरफ़ से वैक्सीन तो उसमें जनता को लगती ही है. कटारिया ने कहा कि वैक्सीन का प्रोग्राम जिस हिसाब से डिजाइन की गई है, उसकी पालना की जानी चाहिए.