राजस्थान के बिजली महकमे की अधिक रियायत की आस अधूरी, केंद्रीय ऊर्जा विभाग ने कहा ना
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राजस्थान के बिजली महकमे की अधिक रियायत की आस अधूरी, केंद्रीय ऊर्जा विभाग ने कहा ना

केंद्रीय ऊर्जा विभाग ने रियायत का कोटा बढ़ाने के प्रस्ताव को ना कहा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: राजस्थान के बिजली महकमे की स्मार्ट मीटर (Smart Meter) में केंद्र से अधिक रियायत की आस अधूरी रह सकती है. केंद्रीय ऊर्जा विभाग (central energy department) ने रियायत का कोटा बढ़ाने के प्रस्ताव को ना कहा है. ऊर्जा विभाग ने प्रदेशभर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के लिए सब्सिडी (Subsidy) का दायरा 15 फीसदी से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने की मांग की थी. इसके पीछे का कारण बिजली वितरण कंपनियों की माली हालत को बताया था. केंद्र सरकार (Central Government) के सब्सिडी को नहीं बढ़ाने के निर्णय के बाद अब बिजली कंपनियां नए सिरे से होमवर्क करने में जुटी है. अगर उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर की राशि ली जाती है तो बिजली बिलों के साथ यह राशि जबरदस्त करंट मारेंगी.

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प्रदेश में कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी बिजली कनेक्शनों पर अब प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid smart meter) लगेंगे. यानी अब बिल पहले जमा करवाने पर ही बिजली सप्लाई होगी. हर कनेक्शन व मीटर की ऑनलाइन मॉनीटरिंग (Online monitoring) होने से बिजली चोरी रुकेगी. केंद्रीय विद्युत मंत्रालय (Union Ministry of Power) के गजट नोटिफिकेशन के बाद जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम (Jodhpur Discom) ने मीटर बदलने की गाइडलाइन का काम कर रही है. 

बढ़ते घाटे के चलते प्रदेश की बिजली कंपनियों ने स्मार्ट मीटर खरीद में सब्सिटी का दायरा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 फीसदी करने की मांग की थी, केंद्र सरकार ने इसे बढ़ाने से फिलहाल इंकार किया है. अब बिजली कंपनियां अपनी तरफ से स्मार्ट मीटर लगवाती है तो अलग से कर्ज की व्यवस्था करनी होगी और उपभोक्ताओं से इतनी बड़ी राशि एक साथ लेती है तो विरोध होना तय है. प्रदेश में 1.45 करोड़ एक्टिव उपभोक्ता (Active consumer) हैं. इनमें 15 लाख कृषि कनेक्शन हैं.

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अभी प्रदेश में 500 करोड़ रुपये खर्च कर 6 लाख उपभोक्ताओं के घरों में पोस्टपेड स्मार्ट मीटर (Postpaid smart meter) लगाए जा रहे हैं. इन्हें भी भविष्य में प्रीपेड कर दिया जाएगा. केंद्र एक प्रीपेड मीटर के लिए 900 रुपये देगा. प्रीपेड स्मार्ट मीटर 7-8 हजार रुपये में आता है. अभी लगाया जा रहा सिंगल फेज मीटर 800 रुपये, थ्री फेज मीटर 1500 रुपये में खरीदा जा रहा है. 

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केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार पहले फेज में 15 प्रतिशत से ज्यादा बिजली छीजत (Power wastage) वाले शहरी सब डिवीजनों में 50 फीसदी कनेक्शनों और 25 फीसदी से ज्यादा छीजत वाले सब डिवीजनों में सभी सरकारी कार्यालयों, इंडस्ट्रीज व कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के दिसंबर 2023 तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगेंगे. दूसरे फेज में सभी क्षेत्रों के सभी कनेक्शनों पर मार्च 2025 तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लग जाएंगे. माना जा रहा है कि 90 हजार करोड़ के घाटे से जूझ रही जयपुर, अजमेर व जोधपुर डिस्कॉम को नए सिस्टम से राहत मिलेगी.

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