जलदाय विभाग के तकनीकी चीफ इंजीनियर संदीप शर्मा (Sandeep Sharma) के इस आदेश के बाद में प्रदेश में 20 हजार करोड़ के काम प्रभावित हो गए.
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Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) की डिजाइन लगातार बदलती जा रही है. अब पीएचईडी (PHED) में प्रोजेक्ट्स की ड्राइंग डिजाइन को लेकर विवाद बढ़ गया है.
पूरा मामला जलदाय मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत (Sudhansh Pant) तक पहुंच गया है. ऑन गोइंग प्रोजेक्ट में ड्राइंग-डिजाइन के नए नियम लागू होने से करोड़ों के प्रोजेक्ट प्रभावित हो रहे हैं.
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राजस्थान में जल जीवन मिशन की धीमी रफ्तार के बाद ड्राइंग और डिजाइन विवाद पर केंद्र की योजना दम तोड़ रही है. ड्राइंग-डिजाइन के आदेश से पहले प्रोजेक्ट की डिजाइन ही नहीं बदल रही है. जल जीवन मिशन की डिजाइन भी बदल रही है.
राजस्थान के 90 प्रतिशत कॉन्ट्रैक्टर्स इस आदेश से खफा
जलदाय विभाग के तकनीकी चीफ इंजीनियर संदीप शर्मा (Sandeep Sharma) के इस आदेश के बाद में प्रदेश में 20 हजार करोड़ के काम प्रभावित हो गए. ड्राइंग और डिजाइन के आदेश पर विवाद इस बात का है कि पहले से चल रहे प्रोजेक्ट्स में भी नए नियम लागू कर दिए, जिस कारण टेंडर करते समय कुछ और डिजाइन थी और इस आदेश बाद में कुछ और. जिससे राजस्थान के 90 प्रतिशत कॉन्ट्रैक्टर्स इस आदेश से खफा हैं.
विवादों के बीच कैसे तेज होगी इस मिशन की रफ्तार
ऑल राजस्थान पीएचईडी कॉन्ट्रैक्टर यूनियन ने मंत्री बीडी कल्ला और एसीएस सुधांश पंत को खत लिखा है. कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि अब विभाग द्धारा ही ड्राइंग डिजाइन की जाएगी, लेकिन ऑन गोइंग प्रोजेक्ट में इस नियम को लागू करने से प्रोजेक्ट्स पर वित्तीय भार तो बढ़ेगा ही, इसके साथ साथ डिजाइन भी बदल जाएगी. ये नियम नए टेंडरों में ही लागू होनी चाहिए, पुराने में नहीं. इस आदेश में जल जीवन मिशन की रफ्तार बिल्कुल सुस्त पड़ गई है. एक तरफ मंत्री बीडी कल्ला कहते हैं कि काम की रफ्तार बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ ऐसे आदेश काम की रफ्तार को कम कर रहे हैं. वैसे भी जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल की घटिया मॉनिटरिंग के चलते काम में तेजी नहीं आ पा रही.
प्रोजेक्ट्स बंद हो रहे है, कैसे पूरा होगा काम
विवादित आदेश के बाद राजस्थान के कॉन्ट्रेक्टर्स लामबंद हो रहे हैं और प्रोजेक्ट्स का काम भी बंद करना शुरू कर दिया है. ऐसे में हर घर नल कनेक्शन कैसे लग पाएंगे, कैसे जल जीवन मिशन का मसला सुझल पाएगा और कैसे मरुधरा की जनता तक पीने का पीने पहुंचेगा?