बच्चों के लिए खतरनाक होगी Corona की तीसरी लहर! बाल आयोग की बैठक में तय हुई Guideline
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बच्चों के लिए खतरनाक होगी Corona की तीसरी लहर! बाल आयोग की बैठक में तय हुई Guideline

देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपने चरम है. इस लहर के संक्रमण के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं. समय पर रक्षात्मक उपाय नहीं करने के कारण कोरोना भयंकर तबाही मचा रहा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: कोरोना संक्रमण (Corona infection) की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए राज्य बाल आयोग (State child commission) ने बच्चों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की है. बाल आयोग की फुल कमीशन की बैठक में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षात्मक उपाय तय किए गए. राज्य बाल अधिकारिता आयुक्त और सभी जिला कलेक्टर को इन गाइडलाइन की पालना के निर्देश दिए गए. 

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देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपने चरम है. इस लहर के संक्रमण के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं. समय पर रक्षात्मक उपाय नहीं करने के कारण कोरोना भयंकर तबाही मचा रहा है. 

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उधर विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर की संभावना भी जताई है. तीसरी लहर में सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा बच्चों को बताया गया है. बच्चों के टीकाकरण की व्यवस्था भी नहीं है. ऐसे में बच्चों को तीसरी लहर में होने वाले संक्रमण से बचाने के लिए राज्य बाल आयोग ने सुरक्षात्मक गाइडलाइन तय की है. 

संक्रमण से पहले रक्षात्मक उपाय
राज्य बाल आयोग का मानना है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए अभी से रक्षात्मक उपाय करने होंगे ताकि यदि तीसरी लहर आएगी तो बच्चों को ज्यादा नुकसान नहीं हो. प्रदेश में भी पूर्णा संक्रमण की तीसरी लहर के कारण ज्यादा हालात खराब नहीं हो.

ये सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिए-
1- बाल आयोग के  सदस्य एवं जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष,सदस्य जिले के शिशु अस्पतालों, सामान्य अस्पतालों के शिशु वार्ड में वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, चिकित्सक, नर्सिंग कर्मी जैसी आधारभूत सुविधाओं का निरीक्षण करेंगे. 
2- सभी जिला कलक्टर को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर पर कमेटी गठित कर इन अस्पतालों में बच्चों से संबंधित आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करावें ताकि यदि बच्चों में संकमण की स्थिति उत्पन्न होती है तो अस्पतालों मे सुविधाओं का अभाव न हो.
3. सभी जिलों में बच्चों से संबंधित सभी संस्थाओं में बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों आदि में पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे जाएं ताकि संक्रमण की स्थिति में बच्चों के गंभीर स्थिति में पहुंचने से पूर्व ही समय पर उचित इलाज मिल सके.
4. सभी जिलों में उपखण्ड ,ब्लॉक, ग्राम समिति स्तर पर बच्चों के लिए डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाये जायें ताकि यदि कोई बच्चा संकमित होता है तो उसे वहां भर्ती कर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके एवं सामान्य कोविड सेंटर में अत्यधित संकमण के खतरे से बचाया जा सके.
5. इन डेडिकेटेड कोविड सेंटर में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाई जाए ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त उपयोग की जा सके.
6. सभी जिलों में बच्चों से संबंधित सभी संस्थाओं में जैसे  बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों आदि में पर्याप्त मात्रा में मास्क एवं सेनिटाइजर की व्यवस्था हो.
7. उक्त संस्थाओं में समय-समय पर बच्चों के कमरों, शौचालयों, रसोईघर आदि स्थानों को सेनिटाइज किया जाए.
8. बच्चों को खाना खाने से पहले हाथ धोने एवं हाथ सेनिटाइज करने के बारे में बताएं. प्रत्येक बच्चे को एक पौकेट सेनिटाइजर उपलब्ध करवाया जाए ताकि वह अपने साथ रख सके और जरूरत पड़ने पर उपयोग करे.
9. उक्त संस्थाओं में आने जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना से संबंधित गंभीरता से जांच बाद ही उसे अन्दर प्रवेश करवाया जाए.
10. इन संस्थाओं में कार्य करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों को बिना मास्क प्रवेश न दिया जाए.
11. बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक मजबूत करने हेतु उन्हें संतुलित भोजन एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, फल इत्यादि उपलब्ध करवाया जाये.
12. बच्चों को उसकी उम्र के हिसाब से वो सभी वैक्सीन लगवाएं, जो उसे वायरस और बैक्टीरिया के कारण फैलने वाली बीमारियों से बचाएं.
13. बच्चों का सही समय पर और सही तरीके से वैक्सीनेशन कराया जाए तो उन्हें बहुत सारी मौसम जनित बीमारियों से बचाया जा सकता है. साथ ही बच्चों के वैक्सीनेशन का विधिवत रिकॉर्ड संधारित किया जाना चाहिए.
14. बच्चों को मास्क की उपयोगिता, मास्क क्यों पहनना जरूरी है और यह कोरोना से हमें किस तरह बचाता है, जैसी सभी बातों को समझाने हेतु व्यवस्था की जाए.
15. सभी जिलों में उपखण्ड, ब्लॉक, ग्राम समिति स्तर पर बाल कल्याण समिति, किशोर एवं बालिका गृहों, छात्रावासों, आंगनबाड़ी केन्द्रों आदि में समय समय पर बच्चों के चिकित्सकीय परीक्षण करवाएं जाएं ताकि संकमण फैलने से पूर्व ही उसे रोका जा सके.

 

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