Jaipur: राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) का लाभ लेने के लिए खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया बंद होने से पूर्व तक प्राप्त आवेदनों की शीघ्र जांच कर पात्र परिवारों को योजना के तहत सस्ते अनाज सहित अन्य लाभ देने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने इसके लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं.


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इसके साथ ही भारत सरकार से पत्र व्यवहार कर खाद्य सुरक्षा के नए लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए भी आग्रह किया जाएगा. गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की समीक्षा बैठक ली गयी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजीकरण के लिए प्राप्त आवेदनों के साथ-साथ ऐसे प्रकरणों की भी समीक्षा की जाए, जिनमें कई माह से लाभार्थी राशन का गेंहू नहीं ले रहे हैं, ताकि वर्तमान विषम आर्थिक परिस्थितियों में उनके स्थान पर अन्य जरूरतमंद लोगों को तात्कालिक लाभ देते हुए सस्ता अनाज उपलब्ध कराया जा सके.


मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित प्रदेश के गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों का नाम एनएफएसए के लाभार्थी की सूची में जोड़ने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में एनएफएसए के लाभार्थियों की संख्या को 4.46 करोड़ तक सीमित रखना अपर्याप्त है. गहलोत ने निर्देश दिए कि इस संख्या को तार्किक रूप से बढ़ाने तथा खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर पंजीकरण फिर से शुरू करने के लिए भारत सरकार को लिखा जाए.


उन्होंने कहा कि रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से आमजन पर पड़ रही मार के दृष्टिगत इन कीमतों पर नियंत्रण के लिए भी केंद्र सरकार से पत्र व्यवहार किया जाएगा. गहलोत ने अनाज लेने के लिए राशन डीलर की दुकान तक पहुंच पाने में असमर्थ निशक्तजन सहित अन्य लाभार्थियों को डोर-स्टेप डिलीवरी के तहत अनाज उपलब्ध कराने की योजना तैयार करने के निर्देश दिए.


उन्होंने कहा कि इससे असमर्थ एवं जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ सुनिश्चित हो सकेगा. उन्होंने राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के माध्यम से अच्छी क्वालिटी का आयोडाइज्ड नमक, चाय, आटा आदि खाद्य सामग्री सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की योजना फिर से करने के भी निर्देश दिए. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण में नागरिक आपूर्ति विभाग के तहत संचालित विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ की भूमिका महत्वपूर्ण है. इस प्रकोष्ठ के अधिकारियों को अधिक प्रतिबद्धता के साथ काम करते हुए उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे प्रदेश के उपभोक्ताओं को सही वजन और माम तौल की सामग्री की आपूर्ति हो.


उन्होंने इसके लिए अन्य राज्यों में लागू व्यवस्था का अध्ययन कर राजस्थान इस प्रकोष्ठ के पुनर्गठन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने भी प्रदेश में NFSA लाभार्थियों की सूची का विस्तार करने के लिए पंजीकरण पोर्टल को जल्द खोलने के प्रयासों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में बड़ी संख्या में लोग खराब आर्थिक स्थितियों से जूझ रहे हैं. एनएफएसए पोर्टल पर नए पंजीकरण शीघ्र शुरू होने से ऐसे लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ देने में आसानी होगी.


उन्होंने कहा कि राशन डीलरों द्वारा अनाज वितरण में इस्तेमाल की जा रही पीओएस मशीनों के समुचित रख-रखाव तथा खराब मशीनों को बदलने का काम विभाग द्वारा किया जाना चाहिए. वहीं, मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने कोरोना महामारी के दौर में जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने जिम्मेदारी को बेहतरीन प्रबंधन के साथ निभाया है. इसी के चलते बीते वर्ष केंद्र सरकार की ओर से राज्य को अतिरिक्त अनाज की खरीद के लिए उधार सीमा में दो प्रतिशत की वृद्धि का लाभ दिया गया था.