पांच राज्यों में किसकी बनेगी सरकार?, दांव पर राजस्थान के स्टार प्रचारकों की प्रतिष्ठा
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पांच राज्यों में किसकी बनेगी सरकार?, दांव पर राजस्थान के स्टार प्रचारकों की प्रतिष्ठा

भले ही राजस्थान में चुनाव नहीं हुए हैं, लेकिन इन राज्यों के चुनाव नतीजों पर राजस्थान की पैनी नजर है. क्योंकि यहां के नेताओं की साख दांव पर लगी है. क्योंकि पांच राज्यों में बनने वाली सरकार राजस्थान में अगले साल होने वाले चुनाव का रास्त तय करेगी. 

पांच राज्यों में किसकी बनेगी सरकार?, दांव पर राजस्थान के स्टार प्रचारकों की प्रतिष्ठा

Jaipur: उत्तर प्रदेश समेत पंजाब, उत्तराखंड ,गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं. एग्जिट पोल में उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनती दिख रही है.वहीं, पंजाब में कांग्रेस और आप के बीच कांटे की टक्कर है, जबकि उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला है.

सभी की नजर चुनाव नतीजों पर है. भले ही राजस्थान में चुनाव नहीं हुए हैं, लेकिन इन राज्यों के चुनाव नतीजों पर राजस्थान की पैनी नजर है. क्योंकि यहां के नेताओं की साख दांव पर लगी है. क्योंकि पांच राज्यों में बनने वाली सरकार राजस्थान में अगले साल होने वाले चुनाव का रास्त तय करेगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के स्टार प्रचारक सचिन पायलट और महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह की भी प्रतिष्ठा दांव पर है.  

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स्टार प्रचारकों में बड़े दिग्गज थे शामिल

कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भंवर जितेंद्र सिंह का नाम ऊपर रखा था.अशोक गहलोत पंजाब में चुनाव प्रचार कर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की मांग की थी, गहलोत 1 दिन स्टार प्रचारक के तौर पर प्रचार करने पहुंचे, लेकिन सचिन पायलट ने पंजाब ,उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जमकर प्रचार किया. वहीं, सचिन पायलट ने उत्तराखंड और गोवा में प्रेस कांफ्रेंस करके पार्टी की मैनिफेस्टो को जनता के सामने रखा था. पायलट ने कांग्रेस के घोषणापत्र में कई लोकलुभावन वादे किए. 

सीएम गहलोत और पायलट के लिए बड़ी चुनौती

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अशोक गहलोत चुनाव प्रचार में ज्यादा नहीं गए, लेकिन माना जा रहा है कि रणनीतिकार इन चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही थे. यहां तक कि पंजाब और उत्तराखंड के चुनावों का काम उन्हें ही सौंपा गया था. कांग्रेस पार्टी के लिए पंजाब में सत्ता बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है. क्योंकि तीन राज्यों में ही कांग्रेस पार्टी सत्ता में है, उसमें एक राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब शामिल हैं. मुख्यमंत्री गहलोत को कांग्रेस में बड़े रणनीतिकार के तौर पर देखा जाता है. इसलिए राजस्थान में अगले साल होने वाले चुनाव के लिए पांच राज्यों के चुनाव नतीजे बेहद अहम होंगे.

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