रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा लेवल-1 से बीएड धारियों को बाहर करने की मांग को लेकर पिछले 15 दिनों से जयपुर से शहीद स्मारक पर बीएसटीसी अभ्यर्थियों का धरना और क्रमिक अनशन जारी है.
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Jaipur : रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा लेवल-1 से बीएड धारियों को बाहर करने की मांग को लेकर पिछले 15 दिनों से जयपुर से शहीद स्मारक पर बीएसटीसी अभ्यर्थियों का धरना और क्रमिक अनशन जारी है. मंगलवार को हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होने की पूरी संभावना है. ऐसे में बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में मजबूत पैरवी की मांग को लेकर बेरोजगार आंदोलन की राह पर डटे हैं.
31 हजार पदों पर निकाली गई रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा में विज्ञप्ति के समय सरकार की ओर से लेवल-1 में बीएसटीसी अभ्यर्थियों (BSTC) को तवज्जों दी गई, लेकिन नियमों का हवाला देते हुए बीएड धारी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद कोर्ट ने लेवल-1 की परीक्षा में बीएड धारियों को भी शामिल करने का आदेश दिया. 26 सितम्बर को परीक्षा का आयोजन हो चुका है और अब 26 अक्टूबर को हाईकोर्ट (High court) में होने वाली सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी है. पिछले 15 दिनों से बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में मजबूत पैरवी की मांग को लेकर बेरोजगार जयपुर से शहीद स्मारक पर धरने पर डटे हैं. वहीं, लगातार क्रमिक अनशन भी जारी है.
रीट लेवल-1 से बीएड धारियों को बाहर करने की मांग को लेकर आंदोलन
जयपुर के शहीद स्मारक पर 15 दिनों से धरने पर बैठे हैं बीएसटीसी अभ्यर्थी
पहले आमरण अनशन तो अब क्रमिक अनशन भी है जारी
हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में सरकार की ओर से मजबूत पैरवी की है मांग
बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में मजबूत पैरवी की मांग को लेकर आंदोलन
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धरने में बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं. क्रमिक अनशन पर बैठी जयपुरी सुनीता जाट और हनुमानगढ़ से धरने में शामिल हुए माया कंवर का कहना है कि "कक्षा 1 से 5वीं तक के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों का जो कोर्स होता है वो हमने किया है, लेकिन नियमों का हवाला देकर बीएड धारियों को लेवल-1 में शामिल करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में सरकार को चाहिए की वो लाखों बीएसटीसी अभ्यर्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमारे पक्ष में मजबूत पैरवी की जाए."
बीएसटीसी अभ्यर्थी पिछले 15 दिनों से संघर्ष कर रहे हैं और अब कल होने वाली संभावित सुनवाई को लेकर बेरोजगारों की मांग भी तेज होने लगी है. धरने का नेतृत्व कर रहे सचिन शर्मा (Sachin Sharma) का कहना है कि "अपने एक जायज मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. मांग को लेकर आमरण अनशन भी किया और अब क्रमिक अनशन भी जारी है. ऐसे में सरकार को हमारी पीड़ा सुनते हुए अदालत में मजबूत पैरवी कर लाखों बेरोजगारों को राहत देनी चाहिए."