जयपुर: क्या राजस्थान में मध्यावधि चुनाव की आशंका है? क्या प्रदेश में कांग्रेस का कुनबा अभी भी पूरी तरह एक नहीं है? और क्या कांग्रेस के कुनबे की कलह प्रदेश को एक बार फिर से मध्वाधि चुनाव की तरफ़ धकेलने की आशंका बना रही है? भले ही कांग्रेस इस मामले पर कुछ बोले, लेकिन कम से कम बीजेपी तो अभी भी इन आशंकाओं से इनकार नहीं करती. पूर्व मन्त्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे अरुण चतुर्वेदी ने एक बार फिर से इस आशंका को हवा दी है. 


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चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस में अभी भी आन्तरिक कलह और संघर्ष पूरी तरह थमा नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जो हाल अभी हैं और मुख्यमन्त्री जिस भाषा में अपने लोगों के प्रति बोलते हैं, वह सबके सामने है. चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार के विधायक और मन्त्री आपस में अपनी सरकार को लेकर नाराज़गी जताते रहे हैं, उससे लगता है? कि कांग्रेस का अन्दरूनी संघर्ष अभी भी प्रदेश को मध्यावधि चुनाव की तरफ़ ले जा सकता है.


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जब चतुर्वेदी से पूछा गया कि क्या अभी भी उन्हें ऐसे हालात लगते हैं? तो इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं में आपसी बातचीत नहीं है, आपसी सम्बन्ध ऐसे हैं? कि वे साथ बैठ नहीं सकते, तो ऐसे हालात में कुछ भी हो सकता है. चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस के भीतर की कलह अभी पूरी तरह थमी नहीं है.