जयपुर शहर के छोटीकाशी में गुरु के प्रति श्रद्धा और विश्वास प्रकट करने का पर्व गुरु पूर्णिमा श्रद्धा और विश्वास के साथ बुधवार को मनाया गया
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Jaipur: शहर के छोटीकाशी में गुरु के प्रति श्रद्धा और विश्वास प्रकट करने का पर्व गुरु पूर्णिमा श्रद्धा और विश्वास के साथ बुधवार को मनाया गया. दो साल बाद सभी मंदिरों, आश्रमों में उत्सव मनाया जा रहा है. कार्यक्रम में जयपुर ही नहीं बल्कि देशभर से भक्त पहुंचे. इस दौरान नए शिष्यों को मंत्र दीक्षा और कंठी दीक्षा दी गई. शिष्य व्यास और गुरू पूजन कर गुरु चरण पखारें संतों ने अपने शिष्यों को कागज पर लिखकर और कानों में गुरुमंत्र दिए.
इस बार तीन प्रमुख ग्रहों के एक राशि में विराजमान रहने से त्रिग्रही योग पर्व की महत्ता को खास मनाया. इस दिन सूर्य, शुक्र और बुध ग्रह मिथुन राशि में एक साथ रहे. सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित आचार्य पीठ सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरी शरण वेद व्यास के छवि चित्र की वेदोक्त मंत्रों से पूजा-अर्चना की.
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महोत्सव के तहत शिष्य गुरु वंदना कर आशीर्वाद लेने के साथ शीश नवाकर गुरुमंत्र को जीवन में उतारने का संकल्प लिया. वहीं, गलताजी में भी गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज के सान्निध्य में तीन दिवसीय गुरू पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया. सुबह पयोहारी महाराज के पूजन के बाद संत गालव ऋषि का पूजन हुआ. इसके बाद पूर्ववर्ती आचार्यों का पूजन किया गया. शिष्यगणों ने गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज का पूजन कर आशीर्वाद लिया, साथ ही नए साधकों को कंठी दीक्षा प्रदान की गई.
हाथोज स्थित दक्षिणमुखी बालाजी मंदिर में मनाए जा रहे गुरु पूर्णिमा महोत्सव में पूर्ववर्ती आचार्यों का पूजन हुआ. उसके बाद श्रद्धालुओं ने आचार्य अर्चन किया. उधर भांकरोटा में बाबा जयगुरुदेव के बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंचे. जिसमे सिंगापुर, तेलंगाना, जम्मू, दुबई, मलेशिया से भी गुरु वंदन के लिए पहुंचे. इसी दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. सभी 18 पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यास को माना जाता है.
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