क्या अपनी अहमियत खो चुका है राजस्थान बीजेपी का कोर ग्रुप?
क्या भारतीय जनता पार्टी के कोर ग्रुप की अहमियत कम हो गई है? क्या राजस्थान में कोर ग्रुप एक शो पीस बनकर रह गया है? या फिर यह कोर ग्रुप अपनी प्रासंगिकता पूरी तरह ही हो चुका है? दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि पार्टी में इन दिनों कोर ग्रुप की कोई बैठक नहीं दिखी है.
Jaipur: क्या भारतीय जनता पार्टी के कोर ग्रुप की अहमियत कम हो गई है? क्या राजस्थान में कोर ग्रुप एक शो पीस बनकर रह गया है? या फिर यह कोर ग्रुप अपनी प्रासंगिकता पूरी तरह ही हो चुका है? दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि पार्टी में इन दिनों कोर ग्रुप की कोई बैठक नहीं दिखी है. तकरीबन 5 महीने से ज्यादा समय हुआ जब कोर ग्रुप की कोई बैठक नहीं हुई है.
पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के दौरे के बाद तो यह सवाल और ज्यादा मुखर हो गया है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि बीएल संतोष के दो दिन के दौरे में पार्टी ने संगठन की तो तीन बैठकें रखी, लेकिन कोर ग्रुप के नेताओं से ना तो बैठक में चर्चा हुई और ना ही फोन पर संवाद.
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यही सवाल जब सांसद किरोड़ी लाल मीणा से हुआ तो उनका कहना था कि बीजेपी का कोर ग्रुप मजबूत है और पार्टी में उसकी अहमियत कम नहीं हुई है, लेकिन बीएल संतोष के दौरे के वक्त भी कोर ग्रुप की बैठक नहीं होने के सवाल पर किरोड़ी अपने तर्क नहीं दे पाए.
कोर ग्रुप की अहमियत पर बीएल संतोष के दौरे के बाद सवाल उठे तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से दिल्ली में हाल ही बुलाई गई बैठक के बाद भी यह सवाल फिर से पार्टी के हलकों में आया. क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हुई बैठक में भी कोर ग्रुप की जगह चुनिंदा नेताओं को ही बुलाया गया था.
माना यह जा रहा है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं में इस बात की चर्चा है तो कुछ नेताओं में भी कोर ग्रुप को लेकर बात हुई होगी. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोर ग्रुप को फिर से सक्रिय करने में क्या पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर देरी हो रही है या फिर प्रदेश नेतृत्व के स्तर पर ढिलाई?
आपको बता दें भारतीय जनता पार्टी के कोर ग्रुप में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी के साथ ही राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत और सांसद कनकमल कटारा और सीपी जोशी शामिल है.