याचिकाओं में प्रदेश के बाहर से दो साल का एनटीटी कोर्स के समकक्ष डिप्लोमा करने वालों को प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं करने को चुनौती दी गई है.
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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्री-प्राइमरी टीचर भर्ती-2018 में एनटीटी कोर्स वालों की योग्यता से जुड़े मामले में एएजी शीतल मिर्धा से यह बताने के लिए कहा है कि राज्य सरकार ने किस आधार पर एनटीटी कोर्स की योग्यता तय की थी. अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार को इससे जुड़े दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल ने यह आदेश चेतन और अन्य की याचिकाओं पर दिया।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने शपथ पत्र पेश कर कहा कि 2010 तक प्रदेश में 27 संस्थानों को एनटीटी कोर्स चलाने के लिए मंजूरी दे रखी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने एनसीटीई को 30 मार्च 2010 को सूचित कर दिया था कि राज्य सरकार ने 2010-2011 से एनटीटी कोर्स को चलाने का निर्णय नहीं लिया है और जिन संस्थानों को कोर्स चलाने की मंजूरी दे रखी थी उसे वापस ले लिया है. इसके साथ ही कहा गया राज्य सरकार ने बाद में प्री-प्राइमरी टीचर भर्ती के लिए एनटीटी योग्यता रखने के लिए नीतिगत निर्णय लिया था.
प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं होने पर दी गई चुनौती
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर कोर्ट के सामने आया कि एनसीटीई के अनुसार एनटीटी कोर्स प्रदेश में 2002 के बाद से बंद था, लेकिन एएजी ने कहा कि राजस्थान में एनटीटी कोर्स 2010 तक संचालित हुआ था, जिस पर अदालत ने उन्हें इस अवधि में एनटीटी कोर्स चलाने वाले संस्थानों की जानकारी देने के लिए कहा था. याचिकाओं में प्रदेश के बाहर से दो साल का एनटीटी कोर्स के समकक्ष डिप्लोमा करने वालों को प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं करने को चुनौती दी गई है.
Reporter- mahesh pareek