शरीर को फिट रखने के लिए प्रतिदिन कितना साइकिल चलाना जरूरी है, जानिए पूरी डिटेल
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शरीर को फिट रखने के लिए प्रतिदिन कितना साइकिल चलाना जरूरी है, जानिए पूरी डिटेल

भागमभाग भरी जिंदगी में आदमी साइकिल चलाना भूलता जा रहा है. घर के पास से अगर सामान भी लाना हो तो वह मोटरसाइकिल या कार का प्रयोग करता है. वहीं जयपुर में कुछ क्लब ऐसे भी है जो आमजन को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. 

शरीर को फिट रखने के लिए प्रतिदिन कितना साइकिल चलाना जरूरी है, जानिए पूरी डिटेल

 साईकल का नाम सुनते ही बचपन की यादें ताजा हो जाती है. आज साइकल आम के साथ खास बनी हुई है. साइकिल चलाने से कई बीमारियां दूर हो जाती है और आदमी तरोताजा रहता है. साइकिल आज नेता, अभिनेता और आमजन की खास बनी हुई है. कोई नेता साइकिल चला कर वीडियो वायरल करता है, तो किसी ने अपना चुनाव चिन्ह साइकिल रखा हुआ है. इसी के साथ ही कई फिल्में भी साइकिल पर ही आधारित बनी है. मतलब सबसे सस्ती सवारी साईकल आज भी खास है.

साइकिल चलाने मिलेगी ताजगी 
 आज विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर साइकल की आज के भागमभाग भरी जिंदगी में आदमी साइकिल चलाना भूलता जा रहा है. हर काम के लिए मोटरसाइकिल से ही करने लगा है, घर के पास से अगर सामान भी लाना हो तो वह मोटरसाइकिल या कार का प्रयोग करता है. वही जयपुर में कुछ क्लब ऐसे भी है जो आमजन को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जयपुर के वरिष्ठ चिकित्सक लोकेंद्र शर्मा ने जब साइकिल चलाना शुरु करा तो उनकी कॉलोनी वासियों ने भी उनके साथ जुडकर साइकिल चलाना शुरू कर दिया और आज उनके साथ बड़ी संख्या में आमजन जुड़ गए हैं. लोकेंद्र शर्मा सुबह जब साईकल पर सवार होकर सैर के लिए घर से निकलते हैं तो एक के बाद एक कई महिला पुरुष उनके साथ हो लेते हैं ओर कारवाँ बनता चला जाता है. 

लोकेंद्र शर्मा ने बताया साइकिल चलाना केवल पर्यावरण के लिहाज से ही अच्छा नहीं है, बल्कि हमारी सेहत के लिए भी यह बहुत ही अधिक फायदेमंद है. साइकिल चलाना वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखने का एक बेहतर साधन है. साथ ही इसे चलाने से शरीर की पूरी एक्सरसाइज हो जाती है. इससे वजन कम करने सहित मधुमेह, की बीमारी से राहत मिलती है. साथ ही ह्रदय को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. स्ट्रेस कम होने के साथ साथ ही मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. जयपुरवासियों ने बताया सुबह सुबह साइकिल चलाना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. सुबह हम सभी साथी एक साथ साइकिल पर सवार होकर 15 किलोमीटर का सफर तय करते हैं. यह सफर कब पूरा हो जाता है पता ही नहीं चलता. सेहत के साथ-साथ सभी का सुबह मिलना जुलना हो जाता है. जिससे पूरा दिन ताजगी भरा गुजरता है इसीलिए सभी को साइकिल चलानी चाहिए.

मंत्री खाचरियावास ने ये बोला
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास जब परिवहन मंत्री का कार्य देख रहे थे, तब वह हर सोमवार की सुबह साइकिल से ही परिवहन भवन तक जाते थे. साइकिल सवारों की भीड़ उनके साथ हुआ करती थी. लेकिन प्रताप सिंह खाचरियावास जबसे खाद्य मंत्री बने हैं तब से उन्होंने ऑफिस आना जाना सरकारी कार से ही शुरु कर दिया है. मंत्री खाचरियावास को साइकिल का उपयोग करना चाहिए जिससे आमजन उनसे सीख लेकर साइकिल का अधिक से अधिक उपयोग करें.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भी साइकिल को दि बढ़ावा 
वहीं दूसरी ओर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट सिटी एजेंसी ने भी साइकिल को बढ़ावा देने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए थे. जयपुर शहर में 20 साइकिल कियॉस्क लगा भी दिए गए थे. सभी कियॉस्क में नई चमचमाती साइकिल एजेंसी के माध्यम से आ भी गई थी. साइकिल का प्रति घंटे किराया भी तय हो गया था. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और लालफीताशाही के कारण योजना आगे नहीं बढ़ पाई और टेंडर लेने वाली कंपनी भी उल्टे पांव लौट गई. आज वही साइकिल कियॉस्क अफसरों की लापरवाही के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं. इसके साथ ही शहर को बदरंग और बदनुमा कर रहे हैं. इन साइकल कियॉस्क के अंदर और बाहर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है. जहां साइकिल खड़ी होनी चाहिए थी, 

वहां पर अब साइकिल रिक्शा खड़े हैं, जो उनकी आजीविका का साधन है. साइकिल कियॉस्क के अंदर का नजारा देख कर हर कोई दंग रह जाए ऐसा है. जब अंदर जाकर देखा तो अतिक्रमणकारी पलंग पर सोते हुए नजर आए, इसी के साथ ही जिस साइकिल स्टैंड पर साइकिल रखी जानी थी, वहां पर रोजमर्रा का सामान और कपड़े सूखते हुए नजर आए. यही नहीं अतिक्रमणकारियों ने साइकिल कियॉस्क में अवैध बिजली भी ले रखी है, जिसका वह जमकर प्रयोग कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी खबर नहीं हो क्योंकि यह साइकिल कियॉस्क जेएलएन रोड लगा हुआ है. यहां से रोज जिम्मेदार अधिकारी दिन में कितनी ही बार निकलते होंगे, लेकिन इस और देख करके अपनी आंखें मूंद लेते हैं.

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 ऐसा ही हाल शहर के अन्य साइकिल कियॉस्क का है. जो अब केवल पोस्टर चिपकाने के काम आ रहे है. इन कियॉस्क में कुछ तो टूट गए हैं या कुछ टूटने की कगार पर पहुंचे गए हैं. इसी के साथ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, और यातायात पुलिस ने रामबाग सर्किल से जीडीए चौराहे तक एक लाइन साईकल सवारों के लिए बनाई थी. लेकिन यह लाइन भी अपनी पटरी से उतर गई है. इस लाइन पर आमजन अपने वाहन पार्क देते है, जिससे साईकल चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

स्वयंसेवी संस्थाओं को भी साइकिल चलाने पर जोर देना चाहिए
सरकार के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं को भी साइकिल चलाने पर जोर देना चाहिए.जिससे मनुष्य का स्वास्थ्य तो ठीक रहे साथ ही पर्यावरण का भी संरक्षण हो सके. केवल विश्व साइकिल दिवस मना कर इस दिन की इतिश्री नहीं करनी चाहिए, बल्कि आमजन में साइकिल के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है. जिससे आने वाला भविष्य सुखद और सुनहरा हो और आने वाली पीढ़ी को स्वास्थ्य और पर्यावरण की सीख मिले.

REPORTER- ANUP SHARMA

 

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