राज्य मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission ) ने डूंगरपुर जिले में 25 हजार कुपोषित बच्चों के मामले में प्रसंज्ञान लिया है.
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Jaipur: राज्य मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission ) ने डूंगरपुर जिले में 25 हजार कुपोषित बच्चों के मामले में प्रसंज्ञान लिया है. आयोग ने महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव, डूंगरपुर कलेक्टर-एसपी से मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है. आयोग में मामले की अगली सुनवाई 29 नवम्बर रखी गई है.
राज्य मानव आघकार आयोग अध्यक्ष गोपालकृष्ण व्यास ने मीडिया में प्रसारित खबर के आधार पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किए हैं. खबरों में बताया गया कि डूंगरपुर जिले में 25 हजार से अधिक बच्चें कुपोषित हैं, जिसमें से भी 34 बच्चें अतिकुपोषित हैं. डूंगरपुर में 2017 आंगनबाड़ी केंद्र होने के बावजूद भी इस वर्ष 25 हजार बच्चें कुपोषित पाये गये हैं तथा वर्ष 2020 में डूंगरपुर में 3565 बच्चें कुपोषित पाए गए थे. आंगनबाड़ी में 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों का नामांकन कर उन्हें पोषाहार दिया जाता है, जिसमें बच्चों को गर्म एवं पैकिंग पोषाहार के अतिरिक्त, दूध भी दिया जा रहा है.
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आयोग की ओर से प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास, जिला कलेक्टर, डूंगरपुर एवं पुलिस अधीक्षक से इन विषयों पर रिपोर्ट तलब की है.
1-. महिला एवं बाल विकास विकास विभाग द्वारा क्या-क्या स्कीम कुपोषण को दूर करने के लिए चालाई जा रही है.
2-. पिछले पांच वर्ष से आज तक कुपोषण से कितने बच्चों की मृत्यु हुई है तथा पिछले पांच वर्ष में कितने बच्चे स्वस्थ हुए.
3- कुपोषण के शिका बच्चों के परिवार किस आय वर्ग के है जिससे उनके बच्चे कुपोषण का शिकार हुए हैं.
4-. कुपोषित बच्चों को एवं उनके परिवार को अब तक क्या-क्या सहायता प्रदान की गई है.
5-. कुपोषित बच्चों को जो भोजन एवं दूध इत्यादि दिया जाता है वह किस गुणवत्ता का है और कितना-कितना, कितने-कितने समय में दिया जाता है.
6 आयोग ने प्रकरण की जांच किसी विशेषज्ञ अधिकारी से करवाकर जांच रिपोर्ट अगली तारीख पेशी 29 नवम्बर तक भिजवाने के निर्देश दिए हैं.