Jaipur: राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए उठने लगी मांग, बीजेपी प्रवक्ता ने पीएम को लिखा पत्र
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Jaipur: राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए उठने लगी मांग, बीजेपी प्रवक्ता ने पीएम को लिखा पत्र

राजस्थानी भाषा को संवैधानिक भाषा का दर्जा देने के लिए कई सामाजिक संगठन और राजस्थानी भाषा के लेखक,साहित्यकार, कवि पिछले कई दिनों से मांग कर रहे हैं. राजस्थान के 10 करोड़ लोगों की मांग को उठाया जा रहा है. लेकिन राजस्थानी भाषा को आज तक संविधान की 8 वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया.

बीजेपी प्रवक्ता और एमएलए रामलाल शर्मा

Jaipur: राजस्थानी भाषा को संवैधानिक भाषा का दर्जा देने के लिए कई सामाजिक संगठन और राजस्थानी भाषा के लेखक,साहित्यकार, कवि पिछले कई दिनों से मांग कर रहे हैं. राजस्थान के 10 करोड़ लोगों की मांग को उठाया जा रहा है. लेकिन राजस्थानी भाषा को आज तक संविधान की 8 वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया. अब एक बार फिर से राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग उठने लगी है. बीजेपी प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने राजस्थानी भाषा को संविधान की 8 वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. रामलाल शर्मा ने कहा कि पिछले कई सालों से राजस्थान के लोग राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए इंतजार कर रहे हैं. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी और राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं.

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 ट्विटर पर स्पेस के माध्यम से भी राजस्थानी भाषा के प्रेमी अपनी बात मारवाड़ की हताई मंच पर रखते हैं. इधर, मानवाधिकार आयोग भी राजस्थानी भाषा को संवैधानिक भाषा का दर्जा देने के लिए संज्ञान ले चुका है. हम आपको बता दें कि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास ने संज्ञान लेते हुए आयोग ने केंद्रीय सचिव और प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस दिया था और इस पूरे मामले में मानवाधिकार आयोग ने तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि वर्ष 2003 में गहलोत सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पास करके केंद्र को भेजा था. तो वही संसद के दोनों सदनों में भी राजस्थानी भाषा को लेकर मुद्दा उठ चुका है. पिछले 50 सालों से इस भाषा को संवैधानिक भाषा का दर्जा देने के लिए राजस्थान के लोग मांग कर रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने इस पूरे मामले में अपनी बात भी राजस्थानी भाषा में ही कही है. 

Report: Pradeep Soni

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