Online PDF Editor के जरिये फर्जी Covid Report बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 2 गिरफ्तार
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Online PDF Editor के जरिये फर्जी Covid Report बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 2 गिरफ्तार

अभियुक्तगण के मोबाइल में काफी लोगों को फर्जी रिपोर्ट दिये जाने बाबत साक्ष्य और वाट्सअप चैटिंग में फर्जी रिपोर्ट तैयार किये जाने के साक्ष्य मौजूद हैं. 

पुलिस ने दो अभियुक्तगणों को गिरफ्तार किया है.

Jaipur: पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण हरेन्द्र महावर (Harendra Mahawar) ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 (Covid-19) की जांच रिपोर्टों में गड़बड़ी की शिकायते मिल रही थीं. इन्हीं सूचनाओं का खुलासा करने और उनके खिलाफ पुख्ता कार्यवाही करने हेतु अवनीश कुमार (Awnish Kumar) अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जयपुर (दक्षिण) के निर्देशन में संजीव चौधरी (Sanjiv Chaudhary) सहायक पुलिस आयुक्त दक्षिण जयपुर के सुपरविजन में महावीर सिंह राठौड़ थानाधिकारी पुलिस थाना शिप्रापथ के नेतृत्व में कृष्ण कुमार उपनिरीक्षक राजेश कुमार हैड कानि 496, छोटूराम कानि 10424 व परमाराम कानि 11784 की टीम का गठन किया गया था.

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गठित टीम पुलिस थाना शिप्रापथ जयपुर द्वारा कड़ी मेहनत से सूचनाओं को एकत्र किया गया. इसके अंतर्गत डॉ. बी लाल लैब में सैंपल क्लेक्शन का कार्य करने वाले कर्मचारी अभिषेक शर्मा उम्र 22 साल निवासी ब्राह्मणों को मोहल्ला सिकराय थाना मानपुर जिला दौसा और एबी डायग्नोस्टिक 50/41 रजत पथ मानसरोवर के सैंपल कलेक्शन करने वाले निखिल आकंड उम्र 25 साल निवासी व्यास मोहल्ला दौसा को गूगल में online pdf editor के जरिये कोविड 19 की फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार वालों को गिरफ्तार किया गया.

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ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
अभियुक्त अभिषेक शर्मा सैंपल कलेक्शन करके सैंपल को कचरा की गाड़ी में डिस्ट्राय कर देता था तथा पीड़ित से फीस लेकर एबी डायग्नोस्टिक सेन्टर 50/41 रजत पथ मानसरोवर में काम करने वाले निखिल आंकड को पीड़ित के आधार कार्ड की फोटो प्रति वाट्सअप करता और निखिल से फर्जी रिपोर्ट बनाने को कहता. तो निखिल एबी डायग्नोस्टिक सेन्टर जो अभिषेक अस्पताल में है, जो लैब के कम्प्यूटर में गूगल पर online pdf editor की मदद से लैब में रखी पुरानी रिपोर्ट में नाम, पता बदल कर रिपोर्ट वापस अभिषेक को जरिये वाट्सअप भेजता था और अभिषेक वाट्सअप से पीड़ित को भेजता था.

जारी है पूछताछ
अभियुक्तगण के मोबाइल में काफी लोगों को फर्जी रिपोर्ट दिये जाने बाबत साक्ष्य और वाट्सअप चैटिंग में फर्जी रिपोर्ट तैयार किये जाने के साक्ष्य मौजूद हैं. अभियुक्तगण द्वारा कोविड-19 महामारी की विकट परिस्थियों में भी काफी लोगों के साथ धोखाधड़ी कर कोविड 19 की जांच के नाम पर काफी रुपया ऐंठ कर फर्जी रिपोर्ट तैयार लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया है. अभियुक्तगण से अनुसंधान जारी है.

 

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