Jaipur: 31 दिसंबर तक गोद लिए गांवों में काम पूरा करवाने के विश्वविद्यालयों को निर्देश
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Jaipur: 31 दिसंबर तक गोद लिए गांवों में काम पूरा करवाने के विश्वविद्यालयों को निर्देश

राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) की नियमित मॉनिटरिंग का ही परिणाम है कि 22 यूनिवर्सिटीज में से 18 विश्वविद्यालयों ने तीसरे चरण के लिए भी गांव गोद ले लिए हैं.

राज्यपाल कलराज मिश्र.

Jaipur: राज्यपाल के निर्देश पर विश्वविद्यालयों की ओर से गांवों को गोद लेकर उनके डेवलपमेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई. दूसरे चरण में 22 विश्वविद्यालों की ओर से 22 गांव गोद लिए गए, जिन्हें 31 दिसंबर तक मॉडल गांव के रूप में डेवलप करना है. 

शहर जैसी सुविधाएं गांवों में भी हो, साफ- सफाई, नाली निर्माण, स्कूल- कॉलेज शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण को लेकर राज्यपाल की ओर से यूनिवर्सिटीज को एक गांव गोद लेने के निर्देश दिए गए, जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने रूचि दिखाई. दूसरे फेज में गोद लिए गांवों में विकास का काम प्रगति पर है. 

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राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) की नियमित मॉनिटरिंग का ही परिणाम है कि 22 यूनिवर्सिटीज में से 18 विश्वविद्यालयों ने तीसरे चरण के लिए भी गांव गोद ले लिए हैं. 4 विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक गांव गोद नहीं लिए हैं, जिसके लिए राज्यपाल ने वापस उनको निर्देश जारी किया है.

आदिवासी क्षेत्र में स्थित तीन विश्वविद्यालयों की ओर से गोद लिए गांवों की वस्तु स्थिति-   
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने ये करवाए काम

- ICICI RSETI के तहत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिलाया गया
- विश्वविद्यालय की ओर से तीन बालकों को विद्युत विभाग में ट्रैनिंग प्रदान की गई तथा स्वरोजगार दिया
- किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया
- मक्का के कित वितरित किए गए
- मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत कच्ची नालियों का निर्माण कराया गया
- वाटरशेड आदि का निमार्ण उबेश्वरजी की पहाड़ी में करवाया गया
- कोविड 19 जागरूकता रैली का आयोजन किया गया
- बच्चों को जूत औश्र मौजों का वितरण किया गया

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने ये करवाए काम
- स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया
- शिक्षा एवं शैक्षणिक सुविधाओं का विस्तार किया गया  
गोविंद गुरू जनजातीय विवि बांसवाड़ा
- स्वास्थ्य शिविर लगाया गया
- अभी तीसरे चरण के लिए नहीं लिया गया गांव गोद

- 22 विश्वविद्यालयों की ओर से गोद लिए गए गांव
- दूसरे चरण में 22 विश्वविद्यालयों ने 22 गांव गोद लिए
- तीसरे चरण में 22 में से 18 विश्वविद्यालयों ने गांव गोद लिए
-  महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौधौगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर की ओर से विश्मा एवं हांयला में करवाया गया अच्छा काम
- राज्यपाल कलराज मिश्र ने की तारीफ
- वहीं  राज ऋषि भरर्तरी मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर में प्रोग्रेस रिपोर्ट आखिरी पायदान पर

यूनिवर्सिटी ने इन गांवों को लिया गोद, पहला और दूसरा चरण
- महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर - पारा
- राज ऋषि भरर्तरी मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर-ककराली, बाम्बौली
- महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर- हलैना, कठैरा चौथ
- राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर-  जयमलसर गांव, गाढ़वाला
- महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर- नालबाड़ी
- स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर- गुसाईसर, कांवनी
- जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर- नेवटा, जयसिंहपुरा
- राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर- सिरोली, टाटियावास
- राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर- वाटिका, बीलवा
- श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर- पचार, सुंदरपुरा
- डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर- झालामंड, भटिण्डा
- जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर- मोगरा कलां, सालावास
- कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर- लूनी, खुडीयाला
- सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा एवं दांडिक न्याय विश्विविद्यालय जोधपुर- झंवर, दईकडा
- कृषि विश्वविद्यालय कोटा- आवां, कनवास
- वर्धमान महावीर खुला विवि कोटा- पलायथा, धनेश्वर
- कोटा विश्वविद्यालय कोटा- धूलेट, जमीतपुरा
- राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा- मोरू कलां
- पं. दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर- धायलान
- मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर- धार, कैलाशपुरी
- महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौधौगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर- विश्मा एवं हांयला, मदार व ब्राह्मणों की हुंदर
- गोविंद गुरू जनजातीय विवि बांसवाड़ा- बड़वी

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कोरोना की स्थिति सामान्य होने के साथ ही वापस यूनिवर्सिटीज की ओर से गोद लिए गांवों में विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने 31 दिसंबर 2021 तक की निर्धारित सीमा में कार्य पूरा करने के लिए पत्र भी जारी किया है ताकि तीसरे फेज का काम समय से शुरू किया जा सके. 

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