Rajasthan News: वाहन चालक ध्यान दें...अब 15 साल पुराने डीजल वाहन नहीं चलेंगे, राजस्थान के 5 शहरों में बरती जाएगी सख्ती
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Rajasthan News: वाहन चालक ध्यान दें...अब 15 साल पुराने डीजल वाहन नहीं चलेंगे, राजस्थान के 5 शहरों में बरती जाएगी सख्ती

Rajasthan News: अब 15 साल पुराने डीजल वाहन नहीं चलेंगे. साथ ही पुराने कमर्शियल वाहनों पर सख्ती बरती जाएगी. परिवहन विभाग की तरफ से प्रदेश के 5 शहरों में अब पुराने वाहनों पर सख्ती बरती जाएगी.

Rajasthan News: वाहन चालक ध्यान दें...अब 15 साल पुराने डीजल वाहन नहीं चलेंगे, राजस्थान के 5 शहरों में बरती जाएगी सख्ती

Rajasthan News: प्रदेश में पुराने वाहनों को हटाने को लेकर परिवहन विभाग अब सख्ती बरतेगा. जयपुर सहित प्रदेश के 5 नॉन अटेनमेंट शहरों में अब डीजल के 15 वर्ष से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों का संचालन बंद किया जाएगा. परिवहन विभाग ने इस सम्बंध में 5 शहरों के प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. वहीं एनसीआर क्षेत्र में पहले से पुराने वाहनों पर सख्ती लागू है.

परिवहन विभाग की तरफ से प्रदेश के 5 शहरों में अब पुराने वाहनों पर सख्ती बरती जाएगी. हालांकि यह सख्ती डीजल के 15 वर्ष से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों पर ही लागू है. दरअसल मीडिया के एक वर्ग में आई भ्रामक खबराें के चलते आमजन भी भ्रमित हो रहे हैं. नॉन अटेनमेंट शहरों में राजस्थान के 5 शहर शामिल हैं. एनजीटी के वर्ष 2018 के एक आदेश के मुताबिक राजस्थान के अलवर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा ऐसे शहर हैं, जहां पर प्रदूषण का स्तर ज्यादा है. 

एनजीटी ने देशभर में ऐसे 102 शहरों को चिन्हित किया था. इन शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति राष्ट्रीय मानकों की तुलना में अत्यधिक चिंताजनक है. इसलिए एनजीटी ने यह आदेश दिए थे कि इन शहरों में पुराने वाहनों को हटाया जाए. आदेश की अनुपालना में नॉन अटेनमेंट शहरों में 15 वर्ष से अधिक पुराने डीजल चालित कमर्शियल वाहनों को हटाया जाएगा. ऐसे वाहनों को अपंजीकृत करने और जब्त करने के आदेश जारी किए हुए हैं.

वहीं एनसीआर क्षेत्र में पहले से ही पुराने वाहनों को लेकर सख्त आदेश लागू हैं. नॉन अटेनमेंट शहरों में जहां दुपहिया या निजी कार शामिल नहीं हैं, लेकिन एनसीआर के अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड, भरतपुर और डीग जिलों में पुराने वाहनों पर पूर्णतया रोक है.

परिवहन विभाग के क्या हैं आदेश

- 22 जनवरी 2018 में NCR क्षेत्र को लेकर परिवहन विभाग ने आदेश दिए

- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 वर्ष से पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाई गई

- ऐसे वाहनों का एनसीआर को छोड़कर अन्य जिलों के लिए ट्रांसफर संभव

- 15 वर्ष से पुराने पेट्रोल वाहनों पर एनसीआर में पूरी तरह रोक

- ऐसे वाहनों को राज्य के अन्य जिलों में ट्रांसफर किया जाना संभव

- हालांकि नॉन अटेनमेंट शहरों के लिए ट्रांसफर नहीं किया जा सकता

- यह रोक कमर्शियल और निजी श्रेणी के सभी वाहनाें पर लागू

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण रोकने की दिशा में बीएस-4 श्रेणी तक की बसों पर रोक लगाई जा चुकी है. 30 जून के बाद यहां केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-6 श्रेणी की बसें ही संचालित हो सकेंगी. वहीं अत्यधिक प्रदूषण स्तर वाले शहरों, जिनमें जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और अलवर शामिल हैं, उनके लिए भी परिवहन विभाग ने अलग से आदेश जारी कर पुराने वाहनों पर रोक लगाई हुई है.

नॉन अटेनमेंट शहरों के लिए क्या हैं आदेश ?

- इस बारे में परिवहन विभाग ने 19 मार्च 2020 को आदेश जारी किए

- डीजल चालित ऑटो रिक्शा, टैम्पो के पंजीयन, पुन: पंजीयन पर रोक

- 15 वर्ष पुराने डीजल चालित सभी व्यावसायिक वाहनों पर रोक

- इन वाहनों के पंजीयन, दूसरे जिलों से ट्रांसफर व असाइनमेंट पर रोक

- इन वाहनों की अन्य क्षेत्रों के लिए एनओसी-टीसीसी जारी करना संभव

- इन वाहनों के परमिट का प्रतिस्थापन पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी, EV से करना संभव

- 15 वर्ष पुराने डीजल चालित वाहन मिलने पर वाहन जब्त व 5 हजार जुर्माना

- वाहन तभी छूटेगा, यदि वाहन स्वामी दूसरे क्षेत्रों के लिए एनओसी जारी कराना चाहेगा

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