Jaipur : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने वकीलों से कहा कि वकील समाज में जुड़कर रहते हैं और प्रत्येक व्यक्ति की नब्ज जानते हैं कि उसे क्या परेशानी है. न्याय के मंदिर में सभी पक्ष पक्षकारों को न्याय मिलना चाहिए और न्याय मिलने में सबसे बड़ी बात है कि देरी नहीं होनी चाहिए. वकालत एक सेवा प्रवृत्ति से प्रेरित होकर किया जाने वाला कार्य है. जयपुर सैशन कोर्ट परिसर में वकीलों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि चरणबद्ध रूप से उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा.


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बनीपार्क स्थित सैशन कोर्ट में शनिवार को एक समारोह में दी जयपुर बार एसोसिएशन की नव निर्वाचित कार्यकारिणी को शपथ ग्रहण करवाई गई. इस मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि जिसके साथ अन्याय होता है उसे न्याय दिलाने का काम वकील करते हैं. लोकतंत्र के मजबूत स्तम्भों में विधायिका, कार्यपालिका के साथ न्यायपालिका का महत्वपूर्ण स्थान है. आजादी के आंदोलन से लेकर अब तक वकीलों का समाज में बड़ा स्थान रहा है. वकील समाज में जुड़कर रहते हैं और हरेक व्यक्ति की नब्ज को जानते हैं कि उसे क्या परेशानी है. यह न्याय का मंदिर है और मेरा यही कहना है कि न्याय के मंदिर में सभी पक्ष पक्षकारों को न्याय मिलना चाहिए. न्याय में सबसे बड़ी बात है की देरी होती है वह देरी नहीं होनी चाहिए . वकालत एक सेवा प्रवृत्ति से प्रेरित होकर किया जाने वाला कार्य है.


सीएम ने दिया वकीलों को सुझाव 


सीएम ने वकीलों को सुझाव दिया कि हम व्यक्तिगत नहीं समाज के लिए अगर हम काम करेंगे तो हमको सम्मान भी मिलेगा. समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी और हमारे मन में होगा कि मैंने आज एक अच्छा काम किया है. हम सभी अधिवक्ता समाज को न्याय दिलाने का काम करें. वकालत करते हैं तो उनकी परेशानियां बहुत बड़ी होती है . मैं सभी अधिवक्ताओं से निवेदन करना चाहता हूं मित्रों यह हमारा परिवार है परिवार में अगर हम एक दूसरे काम ध्यान नहीं रखेंगे एक दूसरे के दुख में और सुख में अगर हम शामिल नहीं होंगे तो निश्चित रूप से परिवार के साथ न्याय और उचित व्यवहार नहीं कर पाएंगे . मैंने कहा है कि कभी-कभी दिया तले अंधेरा होता है और हमारे वह अधिवक्ता है हमारे साथी हैं . कभी-कभी गांव में कहावत होती है कि ट का ऊंट नहीं खरीदा जा सकता है लेकिन स का ऊंट खरीद सकता है . इसलिए समाज की बेहतरी क लिए काम करें.



न्याय के लिए सबसे पहले वकील का नाम 


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि वकील के पास आने वाला व्यक्ति अपराधी है और उसके साथ अपराध होता है. वह न्याय मांगने की भी बात करता है , वह मन में विचार करके आता है कि उसे न्याय मिलेगा. जब वह आता है या तो अपने परमात्मा को याद करता है या फिर वह वकील को याद करता है. इसके अलावा उसको कोई नहीं दिखता है. पीड़ित को न्याय मिलता है तो वह कहता है कि वकील साहब ने मदद की मुझे न्याय दिलाया. ऐसे में समाज में वकील का नाम होता है.


इससे पहले कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएम श्रीवास्तव ने कहा कि न्याय व्यवस्था को अकेले जज नहीं बल्कि बार और बेंच दोनों मिलकर ठीक कर सकते हैं. सरकार से आशा है कि वो भी इसमें सहयोग करेगी. वहीं बार अध्यक्ष पवन शर्मा ने वकीलों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य सुविधाओं की मांग की. इसी तरह वकीलों ने कोर्ट परिसर में बहुमंजिला इमारत, वकीलों के लिए चैम्बर, मेट्रो कोर्ट फेज टू के लिए सौ करोड़ , कनॉट पैलेस की तर्ज पर पार्किंग सुविधा , वकीलों की वेलफेयर पॉलिसी देने, भूमि, मेडिकल आदि सुविधा देने की मांग की.


वकीलों की हरसंभव मदद का भरोसा 


सीएम ने वकीलों की हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. भजनलाल शर्मा ने कहा कि आजादी के इतने दिन बाद भी हमारे अधिवक्ताओं को चैंबर नहीं है, न्याय व्यवस्था के लिए आवश्यक इंफ्रोस्ट्रक्चर नहीं है. मैं इतना ही वादा करना चाहता हूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम न्यायपालिका और अधिवक्ताओं की बेहतरी के लिए काम करेंगे. आपने जो मांगे उठाई है वो एक साथ तो नहीं लेकिन चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का प्रयास जरूर करेंगे. हम घोषणा पत्र के आधार पर सब काम करेंगे. डबल इंजन की सरकार पर जनता ने भरोसा किया है उसे नरेंद्र मोदी की गारंटी के साथ पूरा करेंगे और प्रदेश को विकास की नई उंचाइयों पर लेकर जाएंगे.