Jaipur News:संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से जयपुर शहर के रविंद्र मंच पर नाटक का आयोजन किया गया. श्रीमान धोखा नाटक में दो पत्नियों रखने का नतीजा दर्शाया गया. वरिष्ठ रंगकर्मी कुलदीप शर्मा और सहायक निर्देशक प्रभा शर्मा की देख रेख में श्रीमान धोखा नाटक का मंचन किया गया. नाटक में श्रीपुर नगर नामक एक राज्य है. 


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वहां के राजा के दो पत्नियों है, परंतु संतान दोनो से ही नहीं हुई. बहुत उपायों के बाद बड़ी रानी के गर्भवती होने पर राजा खुश हो गया और वह बड़ी रानी को और अधिक प्रेम से रखने लगा. यह देखकर छोटी रानी के कलेजे पर छुरियाँ चलने लगीं. छोटी रानी ने राजमहल के एक ज्योतिषी से मिलकर षड्यंत्र रचा और बड़ी रानी और उसके होने वाली संतान को राजा की मृत्यु का कारण बता बड़ी रानी को महल से निकलवा दिया. 



रानी जंगल में पहुँच गई वहाँ उसे एक साधू बाबा मिलते हैं, उन्होंने रानी को रखा. समय आने पर रानी के पुत्र होता है. उसे अनेक प्रकार की शिक्षाओं और विधाओं से दीक्षित किया गया. रानी के पुत्र को अपने राजकुमार होने का पता चलता है. वह अपने ही पिता से बदला लेने के लिए पूरे राज्य में विभिन्न प्रकार से विध्वंश करने लगता है और अंतत्त राजमहल में पहुँच जाता है. वहां छोटी रानी उस पर मोहित हो जाती है और साथ मिल कर राजा को मारने की योजना बनाती है.



किंतु राजकुमार तो मात्र अपने पिता की आँखें खोलना चाहता था और छोटी रानी की सच्चाई राजा के सामने लाना चाहता था. इस कार्य में वह अपनी प्रेमिका की सहायता लेता है और अंत में राजा को सारी सच्चाई का पता लग जाता है. छोटी रानी को सजा दी जाती है. बड़ी रानी को पुनः उसका खोया सम्मान प्राप्त होता है. राजकुमार को राजगद्दी सौंप दी जाती है. इस तरह कथा एक सुखांत मोड़ पर आकर समाप्त होती है.


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