Jaipur News: वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को विभिन्न योग संयोगों में भगवान नृसिंह की जयंती पर भगवान का जन्माभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई गई. ऋतु पुष्पों से श्रृंगार कर महाआरती की. चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर मंदिर के बाहर नृसिंह लीला का जीवंत मंचन किया गया. खंभ फाड़कर भगवान प्रगटें. 


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इस दौरान व्यास परिवार की ओर से परंपरागत रूप से भगवान का श्रृंगार किया. विशेष मुखौटा आकर्षण का केंद्र रहा. ताडक़ेश्वर नवयुवक मंडल के निर्देशन में हुई नृसिंह लीला को देखने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े. इस दौरान रंगीन आतिशबाजी के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन भी हुए. 


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यात्रा मार्ग में विभिन्न व्यापार मंडलों की ओर से भगवान के स्वरूप की आरती और पुष्पवर्षा की गई. नृसिंह भगवान ने नगर भ्रमण के बाद बाबा ताडक़ेश्वर नाथ के दर्शन कर भक्तों को आशीर्वाद देकर गर्भगृह में विराजमान किया. पुरानी बस्ती स्थित बंशीवाले बाबा की बगीची नृसिंह मंदिर में महंत अवधेशदास के सान्निध्य में भगवान का 111 किलो दूध, विभिन्न 28 नदियों के जल, 51 किलो पंचामृत, विभिन्न औषधियों के शोभित जल एवं विभिन्न फलों के रसों से भगवान का महाअभिषेक किया. 


यज्ञ के बाद महाआरती उतारी गई
विभिन्न प्रमुख सतसंग मण्डलों द्वारा संकीर्तन बधाई गान उत्सव हुआ. रामवतार शर्मा ने बताया कि यज्ञ के बाद महाआरती उतारी. मंदिर प्रांगण में जयकारों, आतिशबाजी, ढोल नगाड़ों, पट्टेबाजों के प्रदर्शन एवं बैण्ड बाजों की मधुर स्वर लहरियों के मध्य भगवान नृसिंह खम्भ फाड़कर प्रकट हुए एवं भगवान अपनी लीला का दर्शन देते हुए जगमग रोशनी से सजे यात्रा मार्ग पर निकले.​ नवीन पोशाक धारण कराकर फूल बंगले और छप्पन भोग की झांकी सजाई गई. संत-महंतों के सानिध्य में महाआरती की गई. त्रिवेणीधाम के संत रामरिछपाल दास सहित अन्य संत महंत मौजूद रहे. पुष्करेन्द्र शर्मा, राधा गोविन्द सोनी, सुनिल सोनी, वृतिका सैन मौजूद रहे. शुक्रवार को वराह लीला होगी. वही चांदपोल के जाट के कुएं का रास्ता स्थित नृसिंह मंदिर में पंचामृत अभिषेक किया. 


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क्या बोले महंत श्याम सुंदर शर्मा 
महंत श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि खम्भ फाड़कर भगवान प्रगटे. अंकिश तालुका ने बताया कि विशेष झांकी सजाई. इस दौरान भगवान ने भृमण किया. एमआई रोड स्थित देवस्थान विभाग के नृसिंह मंदिर में विशेष झांकी सजाकर शीतलता प्रदान करने वाले व्यंजनों का भोग लगाया. 


जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में हिरण्यकश्यप के आतंक से भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान नृसिंह के खंभे से प्रकट होने के भाव से झांकी सजाई गई. इस मौके पर अभिषेक और नृसिंह यज्ञ हुआ. मंदिर अध्यक्ष अमितासन दास ने बताया कि पालकी उत्सव हुआ.