Jaipur News: राजस्थान के जल जीवन मिशन में 2 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने दूसरी गिरफ्तारी की है. फर्जी प्रमाण पत्र के मास्टरमाइंड ठेकेदार पदमचंद जैन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले ईडी ने घोटाले के पैसे ठिकाने लगाने वाले पदमचंद के बेटे पीयूष जैन को भी गिरफ्तार किया था. अब जलदाय विभाग के इंजीनियर्स की भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है.


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5 दिन की रिमांड, बेटे को नहीं मिली जमानत
राजस्थान का जल जीवन मिशन बना जेल जाओ मिशन बन गया है क्योंकि इस मिशन में जनता की प्यास बुझाने के नाम पर इंजीनियर्स और ठेकेदारों ने खुद की प्यास बुझाई. पानी में पैसा इतना बहा कि सारी सीमाएं पार हो गई, लेकिन ईडी ने पूरे मामले में जमकर शिकंजा कसा. ईडी ने जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार के मामले में बेटे पीयूष जैन के बाद पदमचंद जैन को भी गिरफ्तार कर लिया है.



कोर्ट ने पदमचंद को ईडी की 5 दिन की रिमांड पर भेजा है.वहीं पहले से जेल में बंद पीयूष जैन की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. पदमचंद जैन और उसके साले महेश मित्तल ने श्री श्याम और गणपति ट्यूबवेल फर्म के फर्जी प्रमाण पत्र बनाए थे. ईडी ने जब पदमचंद को कोर्ट ने पेश किया तो कपडे और फाइल से बार बार पदमचंद के परिजन उसका मुंह कैमरे से बचाते हुए दिखे.


अभी और हो सकती है गिरफ्तारी
इस मामले में ईडी और एसीबी के बाद सीबीआई भी केस दर्ज कर चुकी है, जिसमें गणपति, श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म के साथ साथ दोनों फर्मों को क्लीन चिट देने वाले विशाल सक्सेना के घर सीबीआई की रेड पड चुकी है.इस मामले में ईडी और गिरफ्तार कर सकती है. ईडी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वरिष्ठ आईएएस सुबोध अग्रवाल, 3 चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल, केडी गुप्ता,आरके मीणा, तत्कालीन एडिशनल चीफ इंजीनियर आरसी मीणा,एसीई शुभांशु दीक्षित, मंत्री जोशी के पूर्व ओएसडी और एक्सईएन संजय अग्रवाल महेश जोशी के करीबी संजय बढाया, तपन गुप्ता, नमन गुप्ता, पूर्व आरएएस अमिताभ कौशिक, प्रॉपर्टी डीलर रामअवतार शर्मा, आलोक खंडेलवाल, कल्याण सिंह, तत्कालीन अजमेर अधीक्षण अभियंता परितोष गुप्ता के ठिकानों पर छापे मार चुकी है. 



यहां यहां किया भ्रष्टाचार
दोनों फर्मों ने 900 करोड़ के टैंडर इरकॉन के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र से हासिल किए थे.जिसमें जगतपुरा में 81.80 करोड़, सवाई माधोपुर में 16.85 करोड, नीमकाथाना में 23.87 करोड़ और 23.81 करोड़ के टेंडर, खो नागोरियान प्रोजेक्ट 53.28 करोड़, शाहपुरा में 6.19 करोड, नागौर में 93.15 करोड़, 85.77 करोड, सीकर में 14.65 करोड़, अजीतगढ़-श्रीमाधोपुर में 21.38 करोड़, खंडेला में 23.81 करोड़ के टैंडर हासिल किए थे.