राहत: NFSA के तहत अब मिलेगा आधा गेंहू, लेकिन उसके लिए लोगों को नहीं देने होंगे पैसे
Jaipur News: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाला गेंहू इस महीने से आधा ही मिलेगा. केन्द्र सरकार ने कोरोना काल में गेंहू के आवंटन का कोटा जो डबल किया था, अब उसे खत्म कर दिया है. लेकिन लोगों को जो गेहूं मिलेगा, उसके लिए पैसा नहीं देना पड़ेगा.
Jaipur: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत राशन की दुकानों पर मिलने वाला गेंहू इस महीने से आधा ही मिलेगा.केन्द्र सरकार ने कोविडकाल में गेंहू के आवंटन का कोटा जो डबल किया था उसे खत्म कर दिया है.हालांकि लोगों के छोटी-सी राहत ये है कि लोगों को जो गेहूं राशन की दुकान से मिलेगा उसके लिए राशन डीलर को कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा.देखिए एक रिपोर्ट
खबर आम उपभोक्ता से जुडी हैं.खबर 1 करोड 4 लाख राशनकार्ड परिवारों के 4 करोड 46 करोड सदस्यों से जुडी हैं.केन्द्र सरकार की ओर से इस माह से खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित लाभार्थियों को प्रति यूनिट 5 किलोग्राम नि:श़ुल्क गेहूं देगी.यानि राशन की दुकानों पर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल 4.46 करोड़ सदस्यों को अब एक साल तक नि:शुल्क गेहूं मिलेगा. केंद्र सरकार ने नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के लाभार्थियों को बड़ी राहत दी है. अब NFSA राशन कार्ड धारकों को हर महीने सरकार की ओर से दिया जाने वाला अनाज मुफ्त मिलेगा. सरकार पूरे एक साल तक प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं ) मुफ्त उपलब्ध कराएगी.
मुफ्त अनाज वितरण की यह योजना दिसंबर 2023 तक लागू रहेगी.जिससे नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के लाभार्थियों को फायदा होगा.केंद्र सरकार ने NFSA के तहत मुफ्त अनाज वितरण का ये फैसला कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को बंद करने के बाद किया है.दरअसल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से बीपीएल को 1 रुपए किलो और खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल एपीएल को 2 रुपए किलो की दर से अनाज उपलब्ध करवाया जाता था.इसी तरह अंत्योदय परिवार के प्रतिराशनकार्ड 35 किलो गेहूं दिया जाता था.कोविड के चलते लॉकडाउन के कारण लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही थी.
इस पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की गई.इस योजना के तहत प्रत्येक सदस्य को 5 किलो गेहूं नि:शुल्क वितरण किया गया. अब सरकार ने इस योजना को आगे नहीं बढ़ाते हुए खत्म कर दिया.अब लाभार्थियों एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा यउपभोक्ताओं को केवल 5 किलो ही नि:शुल्क मिलेगा.राशन डीलर संबंधित समिति के प्रदेश संयोजक डिंपल कुमार शर्मा ने बताया की केंद्र सरकार की ओर से की गई घोषणा में फायदे और नुकसान दोनो हैं.
फायदा इसलिए हैं की एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को 1 रुपए और 2 रुपए किलो के हिसाब से गेहूं के लिए पैसा देना पडता था.लेकिन अब इसे फ्री कर दिया हैं.और उपभोक्ताओं के नुकसान की बात करें तो कोरोना के दौरान चयनित परिवारों को दिए जाने वाले प्रति यूनिट अतिरिक्त 5 किलोग्राम नि:शुल्क गेहूं का आवंटन बंद कर दिया हैं.
दरअसल केन्द्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर 2022 में कैबिनेट की बैठक में ये फैसला किया था, जिसमें फ्री गेंहू को दिसंबर 2023 तक बढ़ाने का फैसला किया.लेकिन सरकार ने इस फैसले के साथ ही कोविडकाल में दिए गए अतिरिक्त कोटे को खत्म करने का निर्णय किया है.ऐसे में फरवरी यानी इस माह से राज्य में राशन की दुकानों पर लोगों को गेंहू दिसंबर-जनवरी की तुलना में आधा मात्रा में ही मिलेगा.
केन्द्र सरकार एनएफएसए योजना के तहत चिह्नित व्यक्ति को हर महीने 5 किलोग्राम गेंहू रियायत दर पर देती है.कोविडकाल (मार्च 2020) से पहले राशन का गेंहू 2 रुपए प्रति किलोग्राम मिलते थे.राशनकार्ड में जितने सदस्य जुड़े होते थे उनकी संख्या के हिसाब से (प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलोग्राम) गेंहू मिलता था. लेकिन कोविड आने के बाद अप्रैल 2020 से केन्द्र सरकार ने इस गेंहू का कोटा बढ़ाकर डबल यानी 10 किलोग्राम कर दिया था.ये कोटा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत फ्री आवंटित किया गया.
केन्द्र सरकार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत एपीएल कैटेगिरी के लाभार्थियों को दो रूपए किलो के हिसाब से प्रति यूनिट पांच किलो, बीपीएल, स्टेट बीपीएल को एक रूपए किलो प्रति यूनिट पांच किलो और अंत्योदय परिवार प्रति राशनकार्ड फ्री गेंहू दिया जाता था. एनएफएसए के लाभार्थियों को सस्ती दरों पर अनाज वितरित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को अनाज दिया जाता था.ये अनाज पीडीएस से जुड़ी राशन की दुकानों के माध्यम से बांटा जाता है.राज्य में अभी केन्द्र सरकार से 4 करोड़ 46 लाख यूनिट्स के लिए गेंहू का कोटा निर्धारित है. इस कोटे में से वर्तमान में राज्य में 4 करोड़ 29 लाख यूनिट्स ही गेंहू ले रही है. इसके अलावा राज्य सरकार अभी 10 लाख यूनिट्स के नाम और जोड़ने पर काम कर रही है.इसके लिए पिछले साल आवेदन भी लिए गए थे.
बहरहाल, सरकार गरीबों के लिए जो अनाज उपलब्ध कराती रही है.उसकी खरीद फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के जरिए की जाती है.2022-23 के दौरान एफसीआई को गेहूं पर 25.8 रुपये प्रति किलो की लागत चुकानी पड़ी थी.इसी गेहूं को सरकार NFSA के 1 और 2 रूपए किलो की दर पर मुहैया कराती थी. जबकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज अलग से दिया जा रहा था.अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत मुफ्त अनाज वितरण पर सरकार को करोडों रुपये खर्च करने होंगे.दीपक गोयल जी मीडिया जयपुर