Jaipur News: पंचायत चुनाव में ड्यूटी को लेकर मचा घमासान, धरने पर बैठे कर्मचारी
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Jaipur News: पंचायत चुनाव में ड्यूटी को लेकर मचा घमासान, धरने पर बैठे कर्मचारी

कर्मचारियों की आपस में ड्यूटी को लेकर हो रहे टकराव के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी सकते में हैं क्योंकि यदि सचिवालय कार्मिकों की ड्यूटी निरस्त की जाती है तो चुनाव कौन करवाएगा? 

पंचायत चुनाव में ड्यूटी को लेकर मचा घमासान.

Jaipur: जयपुर में चुनाव ड्यूटी (Chunav Duty) को लेकर घमासान शुरू हो गया है और चुनावी ड्यूटी को लेकर कर्मचारी संगठन आमने-सामने हो गए हैं. सचिवालय कार्मिकों के धरने प्रदर्शन के बाद मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Niranjan Arya) से ड्यूटी निरस्त करने के आश्वासन के बाद जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के कर्मचारी सहित अन्य दूसरे कर्मचारी संगठन विरोध में उतर आए हैं. 

कर्मचारियों की आपस में ड्यूटी को लेकर हो रहे टकराव के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी सकते में हैं क्योंकि यदि सचिवालय कार्मिकों की ड्यूटी निरस्त की जाती है तो चुनाव कौन करवाएगा? 

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बता दें कि करीब 1500 से ज्यादा सचिवालय के कार्मिक हैं, जिनकी चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है. हालांकि, जिला निर्वाचन अधिकारी अंतर सिंह नेहरा सचिवालय कार्मिकों की ड्यूटी निरस्त करने के मूड में नहीं है क्योंकि उन्हें अंदाजा है कि सचिवालय कार्मिको के ड्यूटी निरस्त का आदेश निकला तो दूसरे कर्मचारी संगठनो का विरोध उन्हें झेलना पड़ सकता है.

वहीं, नेहरा का कहना है कि इन चुनावों में महिलाओं, बीएलओ, केंद्रीय कर्मचारियों के साथ इमरजेंसी सेवाओं के कार्मिकों को मुक्त रखा गया है. ऐसे में कार्मिकों पूरे नही होंगे तो चुनाव करवाना मुश्किल हो जाएगा. इसी कम्र में जयपुर जिले में होने वाले तीन चरणों में पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav 2021) में करीब 22 हजार कार्मिकों की जरूरत है. 

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कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा (Antar Singh Nehra) को ज्ञापन सौंपकर कहा है कि 'यह लोकतंत्र का उत्सव है. हमारी जिम्मेदारी है कि सभी को ड्यूटी का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए और सभी कार्मिकों के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए. वहीं, उन्होंने कहा कि 'जैसे हम सरकार के कार्मिक है वैसे वो भी सरकार के कार्मिक है.'

क्या कहना है मुख्य सचिव निरंजन आर्य का 
साथ हीं, इधर मुख्य सचिव निरंजन आर्य का कहना है कि 'ड्यूटी लगाने का काम जिला निर्वाचन अधिकारी का है. कोई भी अधिकारी उसमे कोई दखल नहीं देता है. कुछ सचिवालय के कार्मिक कल उनसे मिले थे. जिनकी पहली बार चुनाव ड्यूटी लगी है.' उन्होंने कहा कि 'कुछ कार्मिक अधिकारियों के निजी स्टाफ में लगे हुए है या जरूरी काम में लगे है उनकी ड्यूटी निरस्त करने का  काम जिला निर्वाचन अधिकारी से आग्रह किया गया था.' 

क्या है पूरा मामला
दरअसल, मंगलवार को पंचायतीराज चुनाव में ड्यूटी लगाने से नाराज सचिवालय कर्मचारियों ने मुख्य सचिव ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे. वहीं, छह घंटे के धरने के बाद सीएस निरंजन आर्य ने ड्यूटी नहीं लगाने का आश्वासन दिया तो कर्मचारी धरने से उठे. 

बहरहाल, सचिवालय कार्मिकों ने कल सचिवालय में धरना प्रदर्शन कर चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने को लेकर दबाव बनाया और उसका असर यह हुआ कि उन्हें उच्च स्तर के अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि उनकी चुनाव ड्यूटी निरस्त होगी. लेकिन इसका उलट असर अब दूसरे कर्मचारी संगठनों के विरोध के बाद सामने आने लगा है. यदि सचिवालय कर्मचारियों के ड्यूटी निरस्त के आदेश जिला निर्वाचन की ओर से जारी होते हैं तो बिना कार्मिकों के चुनाव कराना जिला प्रशासन के अफसरों के सामने बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा.

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