Jaipur News: भूजल विभाग और पीएचईडी में इन दिनों अशोक गहलोत के नाम की चर्चाएं जोरों पर हैं. अशोक गहलोत ने एक ऐसा आविष्कार किया है, जिसको लेकर उनकी हर तरफ तारीफ हो रही है. इतना ही नहीं नेशनल जल जीवन मिशन ने भी उनके आविष्कार को नए उचाइयां दी. अब आप ये समझ रहे होंगे कि पानी वाले विभाग में आखिर अशोक गहलोत ने कौन सा आविष्कार किया,आखिर इतनी चर्चाएं क्यों? ये समझने के लिए देखिए हमारी खास रिपोर्ट!


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये आविष्कार जादू से कम नहीं
राजस्थान के सियासी जगत में अशोक गहलोत का जादू सिर चढ़कर बोला, लेकिन इन दिनों भूजल और जलदाय विभाग में अशोक गहलोत चर्चाएं तेज हैं लेकिन ये अशोक गहलोत सियासी जादूगर नहीं बल्कि जलदाय विभाग के एक्सईएन हैं जिनका नाम है अशोक गहलोत. इन्होंने पानी चोरी के लिए ऐसा आविष्कार किया है, जो किसी जादू से कम नहीं है. 


यह भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में सोनिया गांधी का निर्वाचन तय, PCC ने सार्वजनिक की यह जानकारी


 


भूजल विभाग में डेपुटेशन पर लगे एक्सईएन अशोक गहलोत ने पेयजल की टंकी और जीएलआर से पानी की चोरी रोकने के लिए एक उपकरण बनाया है. अगर कोई टंकी या जीएलआर तक सप्लाई होने वाली लाइन से पानी चोरी का प्रयास करेगा तो उसे पानी की जगह केवल हवा मिलती है. वो पेयजल आपूर्ति लाइन से बाहर हो जाएगा और सप्लाई बिना बाधित हुए सुचारू रूप से चलती रहेगी. इंजीनियर ने इस सिस्टम को ऐसा डिजाइन किया है, जिससे लीकेज होने पर भी पानी की सप्लाई बाधित नहीं होगी.


ऐसे काम करता है जीसीटी
जैसे बिजली के टावर या पोल तारों को जमीन से ऊपर रखते हैं,उसी तरह जीसीटी  (Gravity Control Towers)  पानी के लीकेज या चोरी होने पर प्रेशर को गिरने नहीं देता है. वो उचित दबाव बनाकर रखता है.इसके तहत पानी को वर्टिकल पाइप से ऊपर भेजते है. इससे उस एरिए में उतना ही पानी सप्लाई होगा.उसके बाद उसे पानी की सप्लाई नहीं होगी.


2016 में हुई थी शुरुआत
जीसीटी नाम का यह उपकरण टंकी या जीएलआर के ऊपर लगाया जाता है. इसे लगाने के बाद अगर कोई अपनी लिमिट से ज्यादा पानी उपयोग करने की कोशिश करता है या मोटर लगाकर पानी खींचना चाहेगा तो भी वो अतिरिक्त पानी नहीं ले पाएगा,क्योंकि यह जीसीटी ओवर ड्राइंग को रोक देगा. इस सिस्टम को सबसे पहले वर्ष 2016 में शेरगढ़ में लगाया गया,जहां बेहतर परिणाम भी मिले हैं.


मेंटेनेंस की जरूरत नहीं होगी
यह तकनीकी मेंटेनेंस, मैनपावर व वियर टियर फ्री है. इसके लिए कंप्यूटर, सेंसर,वास्तविक डाटा लिंक, 24 घंटे बिजली जैसी सुविधाओं की आवश्यकता भी नहीं है. इस सिस्टम को लगाने के बाद अगर कोई डिजाइन सीमा से अधिक पानी खींचने का प्रयास करता है तो यह सिस्टम स्वीकृति नहीं देगा और पानी रोक देगा उसे केवल हवा मिलेगी जबकि बाकी संपूर्ण पाइप लाइन में जलापूर्ति सामान्य रूप से चलती रहेगी. जीसीटी के लिए अशोक गहलोत को 20 साल का पेटेंट मिला है.