Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने रिश्वत लेकर पट्टे जारी करने से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए.


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जमानत याचिका में अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि मामले में शिकायतकर्ता का खुद के भूखंड का कोई पट्टा नहीं है. वह तो रुपये लेकर दूसरे लोगों को पट्टा दिलाने का काम करता है. शिकायतकर्ता खुद ही भ्रष्टाचार फैला रहा है. इसके अलावा टेलीफोनिक ट्रांसक्रिप्ट में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है और जिन लोगों के भूखंडों के पट्टों की फाइलें थी, उनमें से किसी ने कोई शिकायत नहीं दर्ज नहीं कराई है. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने न तो किसी से रिश्वत की मांग की है और ना ही उससे किसी तरह की रिश्वत राशि बरामद हुई है. यह पूरा प्रकरण राजनीति द्वेषता से प्रेरित है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका राज्य सरकार की ओर से विरोध किया गया. 


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अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि मामले में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. इसके अलावा प्रकरण में अभी तक जांच पूरी होकर आरोप पत्र पेश नहीं हुआ है. यदि आरोपियों को जमानत दी गई तो वे साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. इसलिए जमानत याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.


मेयर मुनेश गुर्जर के घर रेड डाली थी
गौरतलब है कि एसीबी ने गत 4 अगस्त को मेयर मुनेश गुर्जर के घर रेड डाली थी. एसीबी का आरोप है कि सुशील गुर्जर ने दो लाख रुपये प्रति पट्टा रिश्वत लेकर पट्टे जारी कराने की रिश्वत ली है. एसीबी ने सुशील गुर्जर के साथ ही प्रकरण में शामिल दो दलालों नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था. वहीं दूसरी ओर इसी दिन राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को मेयर पद से निलंबित कर दिया था, हालांकि हाईकोर्ट ने बाद में इस आदेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने भी निलंबन आदेश वापस ले लिया था.