केंद्र सरकार ने राजस्थान के मॉडल को अपनाते हुए पूरे देश में किसानों को फसल बीमा पॉलिसी (Crop Insurance Policy) बांटने का फैसला किया है. इससे किसानों को बीमा पॉलिसी नहीं मिलने की समस्या खत्म होगी.
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Jaipur: केंद्र सरकार ने राजस्थान के नवाचार को अपनाते हुए पूरे देश में किसानों को फसल बीमा पॉलिसी बांटने का फैसला किया है. इससे किसानों को बीमा पॉलिसी नहीं मिलने की समस्या खत्म होगी. वह प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को लेकर ज्यादा सचेत रहेंगे. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया (Agriculture Minister Lalchand Kataria) ने कहा कि अब किसान फसल बीमा के लिए समय पर नुकसान की भरपाई के लिए क्लेम हासिल कर सकेंगे. कटारिया ने शनिवार को कृषि भवन में ‘मेरी पॉलिसी, मेरे हाथ’ (My Policy, My Hands) अभियान की शुरूआत के बाद यह बात कही.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को कभी बेमौसम बारिश, कभी ओला वृष्टि तो कभी टिड्डी जैसी प्राकृतिक आपदाओं को झेलना पड़ता है. ऐसे विकट समय में राहत देने के लिए फसल बीमा योजना अच्छा विकल्प है. कटारिया ने कहा कि राज्य की तरफ से लगातार प्रचार-प्रसार और किसानों को समय पर बीमा क्लेम का भुगतान करने से प्रदेश में इस योजना की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल में एक करोड़ से अधिक फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को लगभग 14 हजार 500 करोड़ रुपए के बीमा क्लेम वितरित किया गया है. कटारिया ने कहा कि किसानों को समय पर बीमा पॉलिसी नहीं मिलने की समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल खरीफ मौसम में नवाचार करते हुए गांवों में कैंप लगाकर 36 लाख किसानों को बीमा पॉलिसी बांटी थी. इसके अच्छे नतीजों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे पूरे देश में लागू कर काश्तकारों को बीमा पॉलिसी बांटना शुरू किया है, जो राज्य के लिए खुशी का विषय है.
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कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Chaudhary) ने कहा कि बीमित किसानों को फसल खराबे से होने वाले नुकसान से भरपाई के लिए फसल बीमा योजना में पर्याप्त बजट प्रावधान के साथ कई नए कदम उठाए गए हैं. कृषि उत्पादन के साथ किसानों की आय बढ़ाने पर जोर देते हुए केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को काश्तकार तक पहुंचाने का आह्वान किया.
कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार (Dinesh Kumar) ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को पॉलिसी बांटने के साथ फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई अन्य नवाचारी कदम उठाए हैं, ताकि पात्र किसानों को समय पर बीमा क्लेम मिल सके. उन्होंने बताया कि शिकायतों के जल्द समाधान के लिए जिला और ब्लॉक स्तरीय कृषि कार्यालयों में बीमा कंपनियों के कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है. साथ ही किसानों की इससे संबंधित शंकाओं के समाधान के लिए आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब के लीफलेट बंटवाना शुरू किया गया है. दोहरे बीमे और गैर कृषि भूमि पर फसल बीमा को रोकने के लिए राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का भू-अभिलेख के साथ एकीकरण किया गया है.
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि इस अभियान के तहत आज राज्य के सभी ब्लॉक में एक-एक चयनित ग्राम पंचायत पर कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को बीमा पॉलिसियों का वितरण किया गया है. उन्होंने बताया कि रबी 2021-22 में 40 लाख 28 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कवर करते हुए 1 करोड़ 59 लाख बीमा पॉलिसियां का सृजन किया गया है, जिनका आगामी दिनों में किसानों को वितरण किया जाएगा.
कार्यक्रम में आए किसानों को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने सांकेतिक रूप से फसल बीमा पॉलिसी का सर्टिफिकेट दिया.
Report- Shashi Sharma